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आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय पटना का आठवां दीक्षांत समारोह आयोजित, 32 छात्र-छात्राओं को दिया गया गोल्ड मेडल

आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय पटना का आठवां दीक्षांत समारोह आयोजित, 32 छात्र-छात्राओं को दिया गया गोल्ड मेडल

पटना. आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय पटना का आठवां दीक्षांत समारोह को सम्राट अशोक कन्वेंशन सेंटर के बापू सभागार में आयोजित हुआ। दीक्षांत समारोह में इस बार कुल 17495 छात्र-छात्राओं को डिग्री प्रदान की गई, जिनमें 1739 छात्र-छात्राओं ने खुद उपस्थित रहकर विश्वविद्यालय के कुलपति तथा अन्य विद्वतजनों से उपाधी प्राप्त की। इस बार कुल 32 छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल प्रदान किया गया है, जिनमें से 17 छात्राएं एवं 15 छात्र हैं। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी स्वर्ण पदक पाने वालों में लड़कियों आगे हैं।

दीक्षांत समारोह में उपस्थित बतौर मुख्य अतिथि महामहिम राज्यपाल-सह-कुलाधिपति फागू चौहान द्वारा अपने अभिभाषण में छात्राओं को उनके बेहतरीन प्रदर्शन के लिए बधाई दी। साथ ही आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय द्वारा अल्प समय में प्राप्त उपलब्धियों की सराहना की। इन्होंने अपने सम्बोधन में विश्वविद्यालय के नवीनतम विषयों से संबंधित शोध कार्य को लगातार आगे बढ़ाने एवं नैनो टेक्नोलॉजी केन्द्र में हो रहे शोध एवं स्थापित विश्व स्तरीय प्रयोगशाला की काफी सराहना की। इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय के अन्य नवस्थापित केन्द्रों यथा भौगोलिक अध्ययन केन्द्र, स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एवं मास कम्युनिकेशन तथा पाटलिपुत्र स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स द्वारा किए जा रहे प्रयासों के लिए साधुवाद दिया। सभी गोल्ड मेडल महामहिम द्वारा प्रदान किया गया एवं श्रेष्ठ छात्र- छात्रों को पुनः बधाई दी गई।

इसके अतिरिक्त अपने अभिभाषण में बताया गया कि विश्वस्तरीय शोध स्तर को बढ़ावा देने हेतु भारत सरकार के "साथी" जैसे रिसर्च प्रोग्राम के अंतर्गत आईआईटी पटना, केन्द्रीय विश्वविद्यालय गया, महात्मा गाँधी विश्वविद्यालय, मोतिहारी एवं पटना विश्वविद्यालय के साथ आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय भी हाल ही में क्लस्टर ग्रुप में शामिल हुआ है। महामहिम द्वारा उच्च शिक्षा के संबंध में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की एक उक्ति को साझा किया "मैं उच्च शिक्षा उसी को कहूँगा जिसे पाकर मनुष्य विनम्र, परोपकारी, सेवाभाव से युक्त और कर्म में तत्पर हो जाए। जिस विद्या से आर्थिक, सामाजिक और आध्यात्मिक कष्टों से मुक्ति मिलती है, वही वास्तविक विद्या है।" महामहिम द्वारा छात्रों से यह अपेक्षा की कि बापू के इन वाक्यों को आत्मसात करते हुए इसे व्यवहार में लाने का ईमानदार प्रयत्न करेंगे।

दीक्षांत समारोह के विशिष्ट अतिथि बिहार के शिक्षा मंत्री द्वारा अपने संबोधन में आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय पटना के छात्रों को विशेष रूप से बधाई देते हुए बताया गया कि वे कबहुत भाग्यशाली हैं, जो महान गणितज्ञ के नाम पर स्थापित विश्वविद्यालय के छात्र हैं, उन्होंने कहा कि यदि आर्यभट्ट न हो तो गणित की दुनिया इतनी विकसित न होती क्योंकि आर्यभट्ट के द्वारा शून्य की खोज की गई। इसके बिना अंकगणित की परिकल्पना करना दुरूह होता। अपने संबोधन में उनके द्वारा महात्मा बुद्ध. चाणक्य एवं अन्य महान विभुतियों एवं उनके योगदान यथा अहिंसा का का ज्ञान एवं प्रभावी प्रशासन को याद किया गया। इनके द्वारा यह भी बताया गया कि बिहार ज्ञान का केंद्र रहा है। नालन्दा विश्वविद्यालय, उदान्तपुरी विश्वविद्यालय एवं विक्रमशिला विश्वविद्यालय की स्थापना ऐसे समय में हुई, जब विश्व में उच्च शिक्षा एवं विश्वविद्यालय की अवधारणा बहुत प्रचलित नहीं थी श्रेष्ठ शिक्षा केन्द्र के रूप में स्थापित इन विश्वविद्यालयों में देश एवं विदेश से छात्र ज्ञान अर्जित करने के लिए आते थे।

शिक्षा मंत्री ने सभी विद्यार्थियों को यह याद दिलाया कि आज प्राप्त डिग्री सही मायने में उच्च शिक्षा की डिग्री तभी मानी जाएगी जब सभी डिग्रीधारी दुखी पीड़ितों को अपनी क्षमता के अनुसार मदद करेंगे। उनके द्वारा आह्वान किया गया कि समाज को हर तरह के नकारात्मक सोंच एवं व्यवहार से मुक्त करें एवं एकीकरण में सकारात्मक योगदान दें। एकीकृत समाज ही विश्वगुरू तथा सर्वसंपन्न हो सकता है।

विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह द्वारा कहा गया कि बिहार की भूमि विश्वविख्यात नालन्दा विश्वविद्यालय एवं अनेक शिक्षाविदों की भूमि रही है। आज आपमें से कुछलोग अलग-अलग व्यवसायों में अपना कैरियर बनाएंगे। कोई इंजीनियर बनेगा, कोई चिकित्सक बनेगा तो कोई शिक्षाविद आदि बनेगा परन्तु ज्ञान एवं शिक्षा का पर्याय से अच्छा कैरियर बनाना ही नहीं होता। राजनीति भी कैरियर का एक विकल्प हो सकता है। सामान्य अवधारणा है कि राजनीति गलत होती है, परन्तु सच्चाई यह है कि राजनीति समाज सेवा का श्रेष्ठ साधन है। कतिपय राजनेता गलत हो सकता है, परन्तु राजनीति नहीं छात्रों से आह्वान किया कि श्रेष्ठ विद्यार्थी में श्रेष्ठ राजनेता बनने की प्रबल संभावना होती है। अतः वे उच्च शिक्षा हासिल कर राजनीति को कैरियर बना सकते हैं।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा महामहिम राज्यपाल - सह - कुलाधिपति महोदय के बारे में संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत करते हुए विश्वविद्यालय का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। अपने प्रतिवेदन में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के परिकल्पना के आधार पर आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय पटना सृजित होना बताते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति आभार प्रकट किया गया। विश्वविद्यालय के प्रथम शैक्षणिक केंन्द्र सेंटर फॉर नैनो साइंस एंड नैनो टेक्नोलॉजी में नैनोमेडिसिन, हाइड्रोइलेक्ट्रिकसेल, कृषि, नैनो इलेक्ट्रोनिक्स, पानी की शुद्धता, आयुर्वेदिक भस्म, फूड नैनोमटिरियल इत्यादि के क्षेत्र में शोध कार्य हुआ है, जिसमें बहुत सारे रिसर्च पेपर प्रकाशित हुए हैं। इस केन्द्र में डॉ. राकेश कुमार सिंह, केन्द्राध्यक्ष-सह-कुलसचिव के नेतृत्व में हो रहे शोध कार्य को वैश्विक पहचान मिली है।

हाल ही में भारत सरकार के "साथी" जैसे रिसर्च प्रोग्राम अंतर्गत विश्वस्तरीय शोध स्तर को बढ़ावा देने हेतु आईआईटी पटना केन्द्रीय विश्वविद्यालय गया। महात्मा गांधी विश्वविद्यालय, मोतिहारी, पटना विश्वविद्यालय के साथ आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय भी क्लस्टर ग्रुप में शामिल हुआ है। आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के उद्देश्य को दृष्टिपथ देखते हुए एवं इसके अन्तर्गत सात शैक्षणिक केन्द्र भौगोलिक अध्ययन केन्द्र, स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एवं मास कम्युनिकेशन, पाटलिपुत्र स्कूल ऑफ इकोनोमिक्स, सेन्टर फॉर रिवर स्टडिज सेन्टर फॉर एस्ट्रोनॉमी, सेन्टर ऑफ फिलॉस्फी सेन्टर फॉर स्टेम सेल टेकनोलॉजी के शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों के पद सृजन का प्रस्ताव सरकार को समर्पित किया गया है एवं सम्प्रति प्रक्रियाधीन है।

भौगोलिक अध्ययन केन्द्र, जर्नलिज्म एवं मास कम्युकिनेशन तथा पाटलिपुत्र स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स राज्य सरकार के परिकल्पना के अनुरूप उत्कृष्ट शोध केन्द्र के रूप में कार्यरत है। वर्तमान में इनके निदेशक क्रमशः प्रो० पूर्णिमा शेखर सिंह, डॉ० इफ्तेखार अहमद एवं प्रो० शंकर कुमार भौमिक के नेतृत्व में केन्द्रों द्वारा तमाम अंतर्राष्ट्रीय / राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न देशों / राज्यों के विद्वानों द्वारा शोध पत्र प्रस्तुत किया गया तथा तकनीकी एवं प्रशासनिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जिसमें शिक्षाविद् एवं प्रशासनिक पदाधिकारी सम्मिलित हुए। इन केन्द्रों में पीएच० डी० तथा एम. ए. / एमएस.सी. का सत्र प्रारंभ हो चुका है। आनेवाले सत्र में नवीन तकनीक पर आधारित भू सूचना प्रणाली एवं रिमोट सेंसिंग ( GIS & Remote Sensing) पाठ्यक्रम को प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित है। नियोजन के क्षेत्र में राज्य के सर्वागिण विकास में यह सहायक होगा।

विश्वविद्यालय ने अभी तक अकादमिक कैलेंडर के अनुसार सभी शैक्षणिक गतिविधियों को सफलतापूर्वक करने का प्रयास किया है। सभी परीक्षाएं समय पर आयोजित किए जाने और परीक्षा कैलेंडर के अनुसार परिणाम प्रकाशित किए जाने का प्रयास किया गया है। पिछले एक वर्ष में विश्वविद्यालय द्वारा 91 मेडिकल 39 इंजीनियरिंग, 10 एजुकेशन, 04 पी० एच० डी० कोर्स वर्क एवं 59 अन्य परीक्षाओं का आयोजन किया गया है तथा 164 परीक्षाफल का ससमय प्रकाशन किया जा चुका है। 40 परीक्षाफल अभी प्रक्रियाधीन है। अनेक चुनौतियों के बावजूद भी छात्र हित में परीक्षाफलों का ससमय प्रकाशन किया जाता है।

उन्होंने कहा कि मैं कुलपति के रूप में सम्मानित महसूस करता हूँ और इस विश्वविद्यालय को समृद्ध होते देखने की उत्कंठा रखता हूँ। इस प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में, मेरा ध्यान विश्वविद्यालय के शैक्षिक उन्नयन एवं विकास के नये अवसरों की पहचान करने पर रहा है। अंत में कुलपति महोदय द्वारा सभी छात्र-छात्राओं को अपने मुख्य संदेश के रूप में बताया गया कि लोक कल्याण की भावना से प्राप्त की गई उपलब्धि ही श्रेष्ठ उपलब्धि होती है। उनके द्वारा संस्कृत के श्लोक का स्मरण कराया गया जिसका अर्थ है यह मेरा है यह तेरा है की भावना छोटी सोच के लोगों में होती है, उदार चरित्र के लोगों के लिए तो यह पूरा संसार ही कुटुम्ब होता है।

सभी डिग्रीयों को प्रदान करने की घोषणा कुलपति, संकायाध्यक्ष एवं कुलसचिव द्वारा की गई। इस दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय के सभा कार्यकारिणी परिषद् एवं शैक्षणिक परिषद् के सदस्य, बिहार के अन्य विश्वविद्यालयों के कुलपति, पूर्व कुलपति, कुलसचिव, शिक्षाविद, राज्यपाल सचिवालय के प्रधान सचिव आर. एल. चोंग्यू एवं अन्य पदाधिकारीगण अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के सभी शिक्षक, पदाधिकारीगण एवं कर्मचारीगण भी उपस्थित रहे। छात्र-छात्राओं के संग उनके अभिभावक भी पूरे उत्साह से इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

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