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भारतीय नौसेना का बदल गया निशान, अंग्रेजों का लाल क्रॉस हटा, जानिए नरेंद्र मोदी सरकार को क्यों बदलना पड़ा प्रतीक चिह्न?

भारतीय नौसेना का बदल गया निशान, अंग्रेजों का लाल क्रॉस हटा, जानिए नरेंद्र मोदी सरकार को क्यों बदलना पड़ा प्रतीक चिह्न?

DESK. भारतीय नौसेना का निशान बदल गया है। भारतीय नौसेना के नए निशान में छत्रपति शिवाजी महाराज की अष्टकोणीय मुहर लगाई है. भारत के पहले स्वदेशी एयरक्रॉफ्ट करियर आईएनएस विक्रांत मिलने से ऐन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल के कोच्चि स्थित कोचिन शिपयार्ड में एक कार्यक्रम के दौरान देश को समर्पित किया. नए नेवी के निशान ने औपनिवेशिक काल की गुलामी की मानसिकता के प्रतीक से छुटकारा दिला दिया. 

अभी तक नौसेना का निशान सफेद फ्लैग था, जिस पर खड़ी और आड़ी लाल धारियां बनी थीं. इसे क्रॉस ऑफ सेंट जॉर्ज कहते हैं. इसके बीच में अशोक चिह्न बना था. ऊपर बाईं ओर तिरंगा लगा था.  नए निशान से लाल क्रॉस को हटा दिया गया है. ऊपर बाईं ओर तिरंगा बना हुआ है. वहीं बगल में नीले रंग के बैकग्राउंड पर गोल्डन कलर में अशोक चिह्न बना है, जिसके नीचे 'सत्यमेव जयते' लिखा हुआ है. जिस पर अशोक चिह्न बना है, वो असल में छत्रपति शिवाजी महाराज की शाही मुहर है. शिवाजी को भारत में नौसेना के प्रमुख के रूप में माना जाता है. इसलिए नए निशान को उनके राजशाही काल से प्रेरित रखा गया है.  नए फ्लैग में नीचे संस्कृत भाषा में 'शं नो वरुणः' लिखा है. इसका अर्थ है 'हमारे लिए वरुण शुभ हों'. हमारे देश में वरुण को समुद्र का देवता माना जाता है. सलिए नेवी के नए निशान पर ये वाक्य लिखा गया है.    

भारतीय नौसेना के इतिहास को देखा जाय तो 2 अक्टूबर 1934 को नैवल सर्विस को रॉयल इंडियन नेवी का नाम दिया गया. और जब बंटवारे के बाद भारत, पाकिस्तान की सेनाएं बनीं तो नौसेना रॉयल इंडियन नेवी और रॉयल पाकिस्तान नेवी के रूप में बंट गई. इसके बाद 26 जनवरी 1950 को इंडियन नेवी में से रॉयल शब्द को हटा लिया गया और उसे भारतीय नौसेना नाम दिया गया. आजादी के पहले तक नौसेना के ध्वज में ऊपरी कोने में ब्रिटिश झंडा बना रहता था. जिसकी जगह तिरंगे को जगह दी गई. अब नए ध्वज में जो क्रॉस का चिन्ह है उसे हटाया गया है. ध्वज में बना क्रॉस सेंट जार्ज का प्रतीक है.

नौसेना के ध्वज को इसके पहले साल 2001 में अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार के समय भी बदला गया था. जिसमें सफेद झंडे के बीच में जॉर्ज क्रॉस को हटाकर नौसेना के एंकर को जगह दी गई. और ऊपरी बाएं कोने पर तिरंगे को बरकार रखा गया था. नौसेना के ध्वज में बदलाव की मांग लंबे समय से लंबित थी, जिसमें बदलाव के लिए मूल सुझाव वाइस एडमिरल वीईसी बारबोजा की ओर से आया था.

हालांकि 2004 में ध्वज या निशान में फिर से बदलाव किया गया. और ध्वज में फिर से रेड जॉर्ज क्रॉस को शामिल कर लिया गया. क्योंकि ऐसी शिकायतें थीं कि नीले रंग के के कारण निशान स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं दे रहा था. नए बदलाव में लाल जॉर्ज क्रॉस के बीच में अब राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ को शामिल किया गया. इसके बाद 2014 में एक और बदलाव कर देवनागरी भाषा में राष्ट्रीय प्रतीक के नीचे सत्यमेव जयते लिखा गया. ब्रिटिश औपनिवेशिक काल के अधिकतर देशों ने अब अपने नौसैना के निशान को बदल दिया है. इसमें ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका देश शामिल है. इन सभी देशों के ध्वज पर पहले ब्रिटिश झंडा लगा रहता था .


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