KAIMUR : जिले के बिहार बॉर्डर पर मुंबई से पश्चिम बंगाल जाने के लिए आधा दर्जन किन्नर सहित कुल 35 लोग पहुंचे. जहां उन्हें किसी भी प्रकार का जिला प्रशासन या बिहार सरकार से मदद नहीं मिला तो वे पैदल ही चल दिए. किन्नरों ने बताया की लॉक डाउन में जितनी परेशानियों को हमने झेला है.
उतना जिंदगी में कभी भी नहीं झेलना पड़ा. बड़े-बड़े लोगों के लिए सरकार हवाई जहाज चला रही है, ट्रेनें और बसें दे रही है. लेकिन हम लोगों को कोई सुविधा नहीं मिल रहा है. हम सभी मुंबई में बिल्डिंग बनाने का काम किया करते थे.
लॉक डाउन के बाद जब डेट आगे बढ़ते चला गया तो वहां से हम लोग एक लॉरी से चले. फिर पुलिस वाले ने युपी में पास देकर बस से भिजवाया. बस के माध्यम से बिहार यूपी बॉर्डर तक छुड़वा दिया, लेकिन बिहार सरकार हमको पश्चिम बंगाल जाने के लिए कोई साधन नहीं दे रही है.
उन्होंने कहा की जितने भी नेता सहायता के नाम पर आते हैं. वह थोडा राशन देकर फोटो खिंचवा कर चले जाते हैं. लेकिन हम लोगों का दुख दर्द कोई नहीं समझने वाला है. कोई भी सरकार हम लोगों के बारे में नहीं सोच रही है.
कैमूर से देवब्रत की रिपोर्ट