पूर्णिया. महागठबंधन की एकता को दर्शाने के लिए पूर्णिया में आयोजित महारैली में राजद, जदयू, कांग्रेस, हम और वाम दलों ने सामूहिक एकता का परिचय दिया. इस दौरान मुख्यमंत्री सभी दलों के नेता सीमांचल के इलाके में मुस्लिम वोट बैंक पर निशाना साधते दिखे. मुख्य रूप से मुसलमानों को परम्परागत वोट बैंक मानकर चल रहे दलों को डर है कि भाजपा की बी टीम कहीं इसमें सेंधमारी न कर दे. महागठबंधन के नेता जिसे बी टीम बता रहे हैं उसने पिछले विधानसभा चुनाव में भी जदयू-राजद सहित उन सभी दलों को झटका दिया था जो अल्पसंख्यक वोटों को लम्बे अरसे से अपने पाले में लाने में सफल हुए हैं.
दरअसल, 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी ने सीमांचल के इलाके में 5 सीटों पर जीत हासिल की थी. साथ ही कई सीटों पर राजद-जदयू जैसे दलों के उम्मीदवारों को हराने में अहम भूमिका निभाई थी. माना जा रहा है कि इससे अभी भी महागठबंधन के सभी घटक दल सशंकित हैं. इसी वजह से पूर्णिया के रंगभूमि मैदान में आयोजित रैली के दौरान महागठबंधन के नेताओं ने मंच से ही लोगों को कहा कि आप भाजपा की बी टीम से सावधान रहें.
ओवैसी की पार्टी ने न सिर्फ बिहार में बल्कि कई अन्य राज्यों में भाजपा विरोधी दलों को बड़ा झटका दिया है. इसी वजह से कांग्रेस सहित कई अन्य विपक्षी दलों की ओर परोक्ष रूप से ओवैसी के दल को भाजपा की ‘बी’ टीम कहा जाता रहा है. एक बार फिर से यही पूर्णिया में देखने को मिला. यहां भी महागठबंधन के नेताओं की ओर से कई बार कहा गया कि अगले चुनवों में भाजपा की बी टीम से बचकर रहने की जरूरत है. तभी भाजपा को हराया जा सकता है.
चुकी ओवैसी पूरे देश में मुस्लिमों के हक की आवाज उठाते हैं. इसी कारण वे मुस्लिम समाज में काफी लोकप्रिय हुए हैं. पिछले कुछ वर्षों में पूरे देश में ओवैसी की पार्टी ने मुलसमानों के बीच अपनी पैठ बढ़ाने में सफलता पाई है. इसका असर बिहार में भी 2020 के चुनाव में दिखा था. अगले चुनावों में फिर से मुस्लिम वोट महागठबंधन से छिटक ना जाए इसलिए महारैली में सभी दलों ने इस ओर दांव डाला. गौरतलब है कि राजद की ओर से शुरू से एम-वाई यानी मुस्लिम यादव समीकरण की बातें की जाती हैं. वहीं पिछले कुछ वर्षों से जदयू ने भी मुसलमानों को आने पाले में करने में सफलता पाई. उसी को बरकरार रखने के लिए लोगों से भाजप की ‘बी’ टीम से बचने की बात कही गई.