GAYA : एक खरगोश ने एक साथ चार बच्चों को जन्म दिया, जिसमें एक बच्चे की मौत हो गई। आम तौर पर यह सामान्य घटना मानी जाती है। लेकिन गया जिले में कार्यरत एक महिला वेटनरी डॉक्टर के लिए यह एक अपराध बन गया, जिसके कारण उन्हें हाजत की सैर करनी पड़ गई। बाद में पांच हजार के मुचलके पर उन्हें जमानत पर रिहा किया गया।
दरअसल, महिला वेटनरी डॉक्टर पर खरगोश के इलाज में लापरवाही बरते जाने का आरोप था। बताया गया कि पशु चिकित्सक माधुरी कुमारी के पास कुछ दिन पहले सिविल लाइंस निवासी व गया के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (तृतीय) के अंगरक्षक के पद पर तैनात जय किशोर जिज्ञासा ADJ के कहने पर अपने खरगोश को इलाज कराने के लिए लेकर गए थे। ADJ के बॉडीबार्ड ने बताया महिला वेटनरी डॉक्टर ने चेकअप के बाद उसे इंजेक्शन लगाया। घर लौटने पर खरगोश ने चार बच्चों को जन्म दिया और जिनमें से एक की मौत हो गई। जबकि तीन की हालत गंभीर थी। जिसके बाद उसने महिला पशु चिकित्सक के खिलाफ इलाज में लापरवाही बरतने का केस दायर कर दिया।
कोर्ट से मिली जमानत
इसी मामले में शुक्रवार को पशु चिकित्सा पदाधिकारी ने वरीय अधिवक्ता खगेश चंद्र झा एवं अधिवक्ता सतीश नारायण सिंह के साथ अदालत में आत्मसमर्पण किया। उनके अधिवक्ता ने बताया कि यह जमानतीय मुकदमा है। इसलिए जमानत पर चिकित्सक को छोड़ने का आदेश दिया गया है। पशु चिकित्सा पदाधिकारी को बंधपत्र दिए जाने तक न्यायिक हिरासत में हाजत में रखा गया। प्रभारी न्यायिक दंडाधिकारी सह एसीजेएम गायत्री कुमारी ने शुक्रवार को उन्हें जमानत दी। न्यायिक दंडाधिकारी ने इसके लिए पांच-पांच हजार रुपये का बेल बांड देने का आदेश दिया।
इस दौरान चिकित्सक के अधिवक्ता ने बताया कि बिना महिला पुलिस के महिला चिकित्सा पदाधिकारी को पुरुष पुलिस हाजत में ले जाया गया। यह गलत है।