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पूर्व जिला पार्षद के सिर में मारी गई थी गोली, पत्नी और बेटे के मोबाइल का राज खंगालेगी पुलिस... सामने आएगा हत्या का सच

पूर्व जिला पार्षद के सिर में मारी गई थी गोली, पत्नी और बेटे के मोबाइल का राज खंगालेगी पुलिस... सामने आएगा हत्या का सच

PATNA :  राजधानी पटना के रूपसपुर में नौबतपुर के पूर्व जिला पार्षद राकेश कुमार उर्फ गुड्डू शर्मा की संदिग्ध मौत अब मर्डर में बदल गयी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पार्षद को सिर में से पिस्टल का गोली निकला है।  हालांकि वारदात के 24 घंटे बाद भी पुलिस खाली हाथ है। पुलिस किसी भी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच पायी है। 

वहीं सूत्रों के अनुसार, पुलिस मृतक की पत्नी और बेटे से कई घंटे पूछताछ किया है और पत्नी और बेटे का मोबाइल फोन जब्त कर लिया है। पुलिस यह पता लगाने में जुटी है मृतक की पत्नी और बेटा किन-किन लोगों का क्या संबंध था, हत्या से पहले उसके मोबाइल पर कहां-कहां से फोन आया और किन-किन लोगो से उसने मोबाइल पर बात की थी। इन सभी विषयों को पुलिस खंगाल रही है। अब तक की जांच से पुलिस को शक है कि कातिल कोई करीबी है जिसकी पहुंच घर में आसानी से थी। किसी किराएदार ने किसी को घर के अंदर आते-जाते नहीं देखा, ऐसे में पार्षद राकेश के कमरे तक रात में कौन पहुंचा और दूसरे कमरे में सो रहे पत्नी और बेटे को भनक तक ना लगी...? वारदात के बाद घर में लगे सीसीटीवी कैमरा का डीवीऔर भी गायब है।

गार्ड ने कहा- रात में बाहर से किसी ने नहीं आया

अपार्टमेंट के गार्ड राम इकबाल सिंह ने कहा कि सोमवार की रात 9:30 बजे गुड्डू शर्मा घर में आए थे।  रात को 11:00 बजे मेन गेट को बंद कर दिया था। उसने रात को 2:00 बजे तक डिप्टी की। उसके बाद सोने चला गया। 3:45 बजे मृतक के बेटे साहिल के दोस्त ने दरवाजा खटखटाया तो खोल दिया। वह ऊपर चल गया। रात में कोई भी व्यक्ति अपार्टमेंट में नहीं आया है।

राकेश कुमार के बड़े भाई रवि शंकर ने बताया कि जिस फ्लैट में राकेश कुमार रहते थे उसमें लगभग 25 परिवार रहता है। उन्होंने आशंका जताई है कि बालकोनी के रास्ते संभव हो अपराधी घर में घुसने के बाद हत्या की घटना को अंजाम दिया होगा। उन्होंने बताया कि राकेश कुमार अपने गले में काफी कीमती सोने के दूध चेन पहनते थे वह दोनों चैन गले से गायब है। रूपसपुर थानेदार ने कहा कि परिजन किसी पर हत्या का आरोप नहीं लगाए हैं।

उठ रहे सवाल 

-फ्लैट का मेन गेट बंद था तो अपराधी किधर से आए? बालकनी का दरवाजा खुला था, पर उससे आना संभव नहीं है।  

-गोली चली तो उसकी आवाज किसी को भी नहीं सुनाई दी, जबकि एक ही फ्लैट के अलग-अलग कमरे में परिवार के सदस्य थे। क्या रिवाल्वर में साइलेंसर था? 

-अपराधी आए तो किधर से? अपार्टमेंट में रहने वाले किसी की भी नजर नहीं पड़ी?

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