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मोतिहारी में अवैध संपत्ति पचाने का खेल ! ढाका MO-एक्साइज दरोगा के बाद एक कर्मी ने खरीदे आवासीय प्लॉट,संपत्ति ब्योरा में छुपा लिया

मोतिहारी में अवैध संपत्ति पचाने का खेल ! ढाका MO-एक्साइज दरोगा के बाद एक कर्मी ने खरीदे आवासीय प्लॉट,संपत्ति ब्योरा में छुपा लिया

PATNA:  बिहार सरकार की भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की तमाम कोशिश बेकार साबित हो रही है। अब संपत्ति का ब्योरा जारी करने की कार्रवाई भी कागजी खानापूर्ति बनकर रह गई है। बड़ी संख्या में सरकारी सेवक ऐसे हैं जो संपत्ति के ब्योरा में बहुत कुछ छुपा ले रहे.अब तक मोतिहारी के दो सरकारी सेवक ढाका के एमओ और एक्साइज दारोगा के कारनामों के बारे में बताया. आज जिले के एक कर्मी की छुपी हुई संपत्ति के बारे में जानें। पत्नी के नाम पर जमीन खरीदी। उक्त जमीन की रजिस्ट्री पत्नी के नाम पर कराया. जो प्रमाण मिले हैं उसके अनुसार उक्त जमीन का वैल्यू लगभग 14 लाख है। लिपिक ने मोतिहारी के छतौनी इलाके में आवासीय भूमि की खरीद की है.

सप्लाई इंस्पेक्टर के खेल का खुलासा

मोतिहारी के ढाका अनुमंडल में सप्लाई इंस्पेक्टर के पद पर पदस्थापित उमाशंकर दास ने पत्नी रागिनी कुमारी के नाम पर 2018 में जमीन खरीदी। ढाका एमओ ने 7 फऱवरी 2018 को भाईयों के साथ मिलकर सीतामढ़ी के बेदौल में 8 डिसमिल जमीन की खरीद की। निबंधन विभाग के कागजात में दिखाया जा रहा कि वो जमीन आवासीय है और उसका वैल्यू कीमत 1.92-1.92 लाख है। ढाका एमओ ने संपत्ति का जो ब्योरा दिया है उसमें पत्नी के नाम पर एग्रीकल्चर लैंड के कॉलम में 1100000 लिखा है। वहीं 2018 में जो जमीन की खरीद की है उसकी जानकारी नहीं दी गई। एमओ उमाशंकर दास ने पत्नी के नाम का अन्य कॉलम खाली छोड़ दिया। इस संबंध में जब ढाका के सप्लाई इंस्पेक्टर से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि गलती से उस जमीन के बारे में जानकारी नहीं दे पाये हैं। वैसे भी वो बहुत महंगी जमीन नहीं है। अगली दफे संपत्ति के ब्योरा में उसे सार्वजनिक कर देंगे। 

एक्साइज दारोगा 'हाउसिंग लोन' लिया पर 'हाउस-जमीन' छुपा लिया

मोतिहारी के मद्य निषेध विभाग में एक सब-इंस्पेक्टर ने संपत्ति का जो ब्योरा दिया है उसमें जानकारी कम और छुपाया अधिक है। मोतिहारी मद्ध निषेध का सब-इंस्पेक्टर मनीष सर्राफ मोतिहारी में पदस्थापित हैं। उन्होंने संपत्ति के ब्योरा में जो जानकारी साझा किया है उसमें हाउस लोन की जानकारी दी है. लेकिन हाऊस को छिपा लिया है। यानि जिस जमीन पर मकान बनाने के लिए लोन लिया उसकी जानकारी नहीं दी है। आवासीय जमीन और व्यावसायिक जमीन-मकान के कॉलम में दारोगा मनीष सर्राफ ने NIL लिखा है। वहीं पत्नी के नाम पर भी कुछ भी नहीं है। मनीष सर्राफ और पत्नी के नाम पर अचल संपत्ति भी नहीं है। कॉलम का पांचो खाना बिल्कुल खाली है। जबकि लोन में हाउसिंग लोन का जिक्र किया है। मोतिहारी मद्ध निषेध के दारोगा मनीष सर्राफ ने मुजफ्फरपुर के सेंट्रल बैंक से 18,25,0000 रू का लोन लिया है। सबसे खास बात तो यह की सब-इंस्पेक्टर ने अपनी पत्नी का नाम भी जाहिर नहीं किया है।

सब-इंस्पेक्टर की खुली पोल तो गलती किया स्वीकार

सभी सरकारी विभाग के बड़े अधिकारियों ने संपत्ति का जो ब्योरा दिया है उसमें पूरी जानकारी दी है।लेकिन मद्ध निषेध के दारोगा ने संपत्ति के साथ-साथ पत्नी का नाम भी छुपा लिया। इस संबंध में जब सब-इंस्पेक्टर मनीष सर्राफ से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हां गलती हुई है। आगे से जिस मकान के लिए लोन लिया है उसकी जानकारी दे दूंगा। उन्होंने स्वीकार किया कि मुजफ्फरपुर में मकान बनाये हैं लेकिन वो मां के नाम पर है।

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