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बिहार के इकलौते पक्षी अभ्यारण्य में होने लगा साइबेरियन पक्षी का जुटान, देश-विदेशी पक्षियों से गुलजार हुआ गोगाबिल झील

बिहार के इकलौते पक्षी अभ्यारण्य में होने लगा साइबेरियन पक्षी का जुटान, देश-विदेशी पक्षियों से गुलजार हुआ गोगाबिल झील

KATIHAR : अगर आप नए साल के मौके पर प्रकृति की गोद में कुछ सुकून भरी पल बिताना चाहते हैं, खासकर साइबेरियन बर्ड के साथ-साथ आप अगर देशी- विदेशी पक्षियों की कोलाहल को लेकर रुचि रखते हैं तो प्रदेश के सबसे बड़े पक्षी अभ्यारण के रूप में विकसित हो रहे कटिहार गोगाबिल झील  आपके पसंदीदा डेस्टिनेशन हो सकता है हालांकि गोगाबिल झील को विकसित करने के काम अभी शुरू हुआ ही है जो पिछले एक साल से जारी है मगर फिर भी खासकर हजारों की संख्या में देशी विदेशियों पक्षियों के इस मनोरम बसेरा को देखते ही मन में एक अलग उमंग पैदा होता है, पक्षी विहार के अनोखे मनोरम छटा पर स्थानीय लोग बहुत ही खुश है।

यहां घूमने आए लोगों का कहना है कि हर साल इसी समय बड़ी संख्या में देश-विदेश से अलग अलग प्रजाति के पक्षी यहां पहुंचते हैं, जिन्हे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचते है। अब इस जगह को पक्षियों के लिए अच्छे से विकसित किया जा रहा है। इससे न सिर्फ पक्षियों को संरक्षण करने में मदद मिलेगी, बल्कि पर्यटन बढ़ने के कारण स्थानीय लोगों को रोजगार भी उपलब्ध होगा। यहाँ आकर आप ना सिर्फ प्रकृति की मनोरम रचनाओं का आनंद ले सकते हैं बल्कि साथ ही साथ यहाँ के स्थानीय निवासियों के प्रकृति के प्रति प्रेम को भी महसूस कर सकते हैं। 

बता दें कि मनिहारी ब्लाक में गोगाबिल झील है। करीब 217 एकड़ में फैली यह झील एक ओर गंगा तो दूसरी ओर महानंदा से घिरी है। साल में चार से छह महीने तक खेतों में पानी भरा रहने के कारण ग्रामीण एक ही फसल ले पाते हैं। अब इस जलभराव और यहां की हरियाली अभ्यारण्य में बदलने की तैयारी गांव वालों ने कर ली है। ढाई सौ से अधिक ग्रामीणों ने अपनी जमीन गोगाबिल पक्षी अभ्यारण्य विकसित करने के लिए दी है। यहां करीब 73.78 एकड़ सरकारी जमीन पर कंजर्वेशन रिजर्व बनाया गया है। जबकि ग्रामीणों की 143 एकड़ भूमि पर गोगाबिल सामुदायिक पक्षी अभ्यारण्य घोषित किया गया है।



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