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जिस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में देख रहे भविष्य की दुनिया, उसके गॉडफादर ने गुगल से दिया इस्तीफा, कहा- यह मानवता के लिए खतरा

जिस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में देख रहे भविष्य की दुनिया, उसके गॉडफादर ने गुगल से दिया इस्तीफा, कहा- यह मानवता के लिए खतरा

DESK : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), जिसकी चर्चा पिछले दो दिन माह में तेजी से हो रही है। भारत में 5जी सेवा शुरू होने के बाद ज्यादातर मोबाइल नेटवर्क कंपनियां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की सुविधा फोन में उपलब्ध कराने की तैयारी कर रही हैं। जियो ने बाकायदा इस पर काम शुरू कर दिया है। वहीं न्यूज चैनलों में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर जोर दिया जा रहा है। इसे भविष्य की जरुरत बताया जा रहा है। लेकिन यह लोगों के लिए फायदेमंद है या खतरनाक, यह इस बात से समझ सकते हैं कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के गॉड फादर माने जाने वाले डॉक्टर ज्यॉफ्रे हिंटन (Geoffrey Hinton) ने इसे दुनिया के लिए खतरा बताया है। उन्होंने कहा है कि, 'यह मानवता के लिए खतरा है। अभी यह वरदान जैसा लग रहा हो, लेकिन ऐसा है नहीं।

बताया कैसे है खतरनाक

75 साल के हिंटन ने न्यू यॉर्क टाइम्स को दिए इंटरव्यू में कहा कि, 'इससे बड़ी संख्या में नौकरियां खत्म हो जाएंगी। समाज में गलत सूचनाएं तेजी से फैलेंगी, जिसे रोक पाना संभव नहीं होगा।' हिंटन इसके लिए खुद को जिम्मेदार मानते हैं और अफसोस करते हैं। उन्होंने कहा कि, 'मैं नहीं करता तो कोई और करता, लेकिन AI तो आता ही। अब इससे निपटना बहुत ही मुश्किल होगा।'

1972 से कर रहे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर काम, अब खुलकर बोलने के लिए छोड़ी गूगल की नौकरी

डॉक्टर हिंटन ने 2012 में टोरंटो विश्वविद्यालय में अपने दो स्टूडेंट इल्या सुतस्केवर और एलेक्स कृशेवस्की के साथ मिलकर एक ऐसा नेटवर्क बनाया, जो हजारों फोटो का एनालिसिस कर सकता था। यही नहीं यह नेटवर्क खुद को फूलों, कुत्तों और कारों जैसी सामान्य वस्तुओं की पहचान करना सिखा सकता था। यही टेक्नीक AI का आधार है। 1972 से ही वे AI पर काम कर रहे हैं, जब किसी ने AI के बारे में सुना भी नहीं था। उन्होंने कहा कि, 'AI के खतरों के बारे में खुलकर बोलने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी।

AI अपनाने की होड़ में टेक कंपनियां

गूगल छोड़ने के बाद हिंटन कहते हैं कि टेक कंपनियां AI अपनाने की होड़ में हैं। वे जल्दी से जल्दी AI बेस्ड प्रोडक्ट बनाना चाहते हैं। उन्हें लगता है कि यह भी 90 के दशक में आई टेक्नीक की तरह ही भविष्य का आधार है। कंपनियां रेस में हैं और AI की दुनिया में नई-नई खोज कर रही हैं, लेकिन चिंता का बात यह है कि इसके रिस्क से निपटने की इनके पास कोई योजना नहीं है।

चैटबॉट्स को 'काफी डरावना' बताया

AI के संभावित खतरों के बारे में चेतावनी देते हुए हिंटन ने कहा कि, 'ये देखना मुश्किल है कि आप बुरे लोगों को बुरे कामों के लिए इसका इस्तेमाल करने से कैसे रोक सकते हैं।' हिंटन ने चैटबॉट्स को 'काफी डरावना' करार दिया है।

सैमसंग ने एआई टूल्स पर लगाई रोक

साउथ कोरियाई टेक कंपनी सैमसंग ने अपने कर्मचारियों के ChatGPT जैसे AI टूल्स इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। सैमसंग ने मेमो के माध्यम से बताया है कि 'हेडक्वार्टर एम्पलॉई प्रोडक्टबिटी और एफिशिएंसी बढ़ाने के लिए जनरेटिव AI के सुरक्षित यूज के लिए एनवायरनमेंट बनाने के लिए सेफ्टी मेजर्स की समीक्षा कर रहा है।

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