PATNA : बिहार के सरकारी स्कूल के बच्चे मध्यान भोजन खा रहे हैं अथवा नहीं इसकी जानकारी सरकार को नहीं मिल रही है। सुबह के हजारों स्कूलों में कितने बच्चों ने मध्यान भोजन खाया इसकी कोई जानकारी राज्य स्तर पर नहीं मिल पा रही। कारण यह है कि प्रधानाध्यापक एवं प्रभारी प्रधानाध्यापकों के मोबाइल पर फोन रिसीव नहीं हो रही। राज्य स्तर पर हुई समीक्षा बैठक के दौरान यह बात सामने आई है।
ऐसे में मध्यान्ह भोजन योजना के सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को सख्त हिदायत दी गई है कि 1 सप्ताह के अंदर इसमें सुधार लाएं।
बता दें कि हर दिन बांटे जाने वाले मिड डे मील की जानकारी राज्य स्तर पर फोन के जरिए एकत्र की जाती है। सभी प्रधानाध्यापकों को फोन किया जाता है। उनसे उस दिन मिड डे मील खाने वाले बच्चों की संख्या पूछी जाती है।
मगर 13 नवंबर को जब समीक्षा हुई तो पाया गया कि बिहार के 20410 स्कूलों के प्रधानाध्यापकों द्वारा कॉल का जवाब नहीं दिया गया। ऐसा एक दिन नहीं बल्कि हर दिन हो रहा है।
मध्यान भोजन योजना के निदेशक विनोद कुमार सिंह ने इस पर सख्त नाराजगी जताई है और जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को सुधार लाने के सख्त निर्देश दिए हैं। मध्यान्ह भोजन योजना कि 1 सप्ताह के बाद एक बार फिर से समीक्षा होगी और लापरवाह जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
विवेकानंद की रिपोर्ट