पटना/लखीसराय. उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने राज्य के स्वास्थ्य विभाग का जिम्मा संभालने के बाद पटना के कई अस्पतालों का आधी रात को औचक निरिक्षण किया था. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर अस्पतालों में व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए 60 दिनों का अल्टीमेटम दिया था. हालांकि तेजस्वी के अल्टीमेटम का सरकारी अस्पतालों के कर्मियों और डॉक्टरों पर कोई असर होता नहीं दिख रहा है. इसकी पोल भी खुद सरकारी डॉक्टर ही खोल रहे हैं.
लखीसराय जिले के बड़हिया रेफरल अस्पताल में आलम है कि कुछ डॉक्टर सप्ताह में सिर्फ एक दिन ड्यूटी पर आते हैं. वे एक दिन 24 घंटे की ड्यूटी करते हैं और शेष दिन अपनी निजी प्रेक्टिस को तरजीह देते हैं. इसे लेकर अस्पतालों में डॉक्टरों के बीच कहा-सुनी भी हो जाती है. ऐसा ही मामला बड़हिया में गुरुवार को हुआ जिसके बाद दंत चिकित्सक डॉ रंजीत कुमार ने अस्पताल की कुव्य्स्था की पोल खोली.
उन्होंने कहा कि बड़हिया रेफरल अस्पताल में पोस्टेड कई डॉक्टर सप्ताह में सिर्फ एक ही दिन ड्यूटी पर आते हैं. रोस्टर के हिसाब से प्रत्येक डॉक्टर की ड्यूटी तय है लेकिन डॉक्टर सप्ताह में एक दिन आते हैं. वे उस दिन 24 घंटे ड्यूटी करते हैं और शेष 5-6 दिन गायब रहते हैं. ऐसे कई डॉक्टर एक दूसरे के साथ मिलीभगत करके सप्ताह में सिर्फ एक दिन ड्यूटी करते हैं. उन्होंने कहा कि जब वे इसका विरोध करते हैं तो ड्यूटी से गायब रहने वाले डॉक्टर आपत्ति दर्ज करते हैं. उनसे झगड़ा करने लगते हैं. उन्होंने राज्य सरकार, सिविल सर्जन और जिला प्रशासन से इस मामले को देखने की अपील की.
दरअसल, बड़हिया रेफरल अस्पताल में अक्सर मरीजों की भी इसी प्रकार की शिकायत रहती है. रोस्टर के अनुसार तैनात डॉक्टर कई बार ससमय नहीं मिलते हैं. इससे मरीजों को परेशानी झेलनी पडती है. अब अस्पताल के डॉक्टर ने भी इस गड़बड़झाले को उजागर किया है.