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मेडिकल कॉलेजों में रिक्त शिक्षकों के पदों की बहाली के मामले पर हाईकोर्ट ने सरकार को किया जवाबतलब, कार्रवाई का ब्यौरा मांगा

मेडिकल कॉलेजों में रिक्त शिक्षकों के पदों की बहाली के मामले पर हाईकोर्ट ने सरकार को किया जवाबतलब, कार्रवाई का ब्यौरा मांगा

PATNA: पटना हाईकोर्ट ने राज्य के मेडिकल कॉलेजों में कई वर्षों से प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर के पदों पर कार्यरत डॉक्टरों को विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में जूनियर पद असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर पदस्थापित करने के मामले पर सुनवाई की। जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह ने डॉक्टर राकेश रंजन व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाबतलब किया है। 

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता शशि भूषण कुमार ने बताया कि इन डॉक्टरों की तैनाती बहुत ही जूनियर पद पर कर दी गई है। इससे पूर्व हाईकोर्ट ने जब राज्य सरकार से पूरा ब्यौरा मांगा था, तो जानकारी दी गई थी कि पूरे राज्य में प्रोफेसर के स्वीकृत 428 पद पर मात्र 91 पोस्ट पर नियमित रूप से नियुक्ति की गई है। 317 पद रिक्त पड़े हुए हैं। इसी प्रकार से एसोसिएट प्रोफेसर के 1039 स्वीकृत पदों पर मात्र 257 पदों पर नियमित शिक्षक कार्यरत हैं। बाकी 782 पद खाली पड़े हैं। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को यह बताने को कहा है कि इतना पोस्ट खाली होने के बावजूद इसको भरने के लिए राज्य सरकार द्वारा क्या कार्रवाई की जा रही है। 

पटना हाईकोर्ट ने यह भी बताने को कहा है कि जब याचिकाकर्ताओं द्वारा उच्च पदों पर सेवा दी गई है, तो इस प्रकार के मामलों में क्या कार्रवाई की जा रही है। कोर्ट ने कहा कि नियम यह स्पष्ट कहता है कि जो बिहार सरकार में अपनी सेवा दे रहे हैं, उन्हें वेटेज दिया जाएगा। कोर्ट को बताया गया कि अदालती आदेश हैं कि स्थाई आधार पर शिक्षकों के पदों को भरा जाए, किन्तु सरकार द्वारा एक कॉन्ट्रैक्ट शिक्षक को हटा कर दूसरा कॉन्ट्रैक्ट शिक्षक नहीं रखा जा सकता है। इस मामले पर अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी।


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