PATNA : पटना हाई कोर्ट ने नाबालिग के साथ किये गए दुष्कर्म के आरोपी को किसी प्रकार का राहत नहीं दी।कोर्ट ने निचली अदालत के फैसला को सही करार देते हुए दायर अपील को खारिज कर दिया।
जस्टिस आशुतोष कुमार और जस्टिस जितेंद्र कुमार की खंडपीठ ने मो शाहबाज की ओर से दायर आपराधिक अपील पर सुनवाई की।कोर्ट को बताया गया कि 24 वर्षीय आरोपी ने आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली नाबालिग छात्रा के साथ दुष्कर्म किया। घटना की जानकारी किसी को नहीं देने की चेतावनी दी।उसने धमकी देते हुए कहा कि सूचना देने और केस दर्ज कराने पर नतीजा भुगतने की धमकी दी।उनका कहना था कि छात्रा ने आंगनबाड़ी सेविका माँ को घटना की पूरी जानकारी दी।
माँ ने अपने पति को बताया। पति ने आरोपी के घर जा घटना के बारे में पूछताछ किया।आरोपी के परिजन ने घटना की पुष्टि की और कहा कि लड़की की शादी लड़के से करने के लिए घटना को अंजाम दिया गया है। इस पर पंचायत बुलाई गई लेकिन आरोपी पंचायत में नहीं आया। जिसके बाद भागलपुर के स्नोखर थाना में कांड संख्या 132/22 दर्ज की गई।पॉस्को कोर्ट ने अभियुक्त को दोषी करार दे 20 वर्ष की सजा और 20 हजार रुपये की अर्थदंड की सजा सुनाई।
इस सजा को हाई कोर्ट में आपराधिक अपील दायर कर चुनौती दी गई। कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले में किसी प्रकार का त्रुटि नहीं पाते हुये हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया और अपील को खारिज कर दिया।