SASARAM : बिहार में ऐतिहासिक स्थलों को लेकर सरकार और उनके अधिकारी कितने गंभीर है, इसकी कलई एक बार फिर खुल गई है। जहां कुछ समय पहले सासाराम में सम्राट अशोक के शिलालेख पर कब्जा कर मजार बनाने का मामला सामने आया था। वहीं इस बार सासाराम सदर अंचल कार्यालय के सीओ राकेश कुमार ने जिला मुख्यालय स्थित तकिया मोहल्ले में शेरशाह सूरी के बेटे सलीम शाह सूरी के ऐतिहासिक मकबरा तालाब के हिस्से की जमाबंदी कई लोगों के नाम कर दी है।
गड़बड़ी तब सामने आई, जब जमाबंदी के बाद लोगों ने तालाब को मिट्टी से भरकर दखल कब्जा भी शुरू कर दिया। मामला संज्ञान में आते डीएम धर्मेंद्र कुमार ने दो सदस्यीय टीम गठित कर जांच के निर्देश दिए हैं। जांच टीम में नगर आयुक्त व भूमि सुधार उप समाहर्ता को शामिल किया गया है।
तालाब तीन एकड़ 83 डिसमिल में फैला बिहार के धरोहर मे शामिल
यह तालाब तीन एकड़ 83 डिसमिल में फैला है। राज्य सरकार ने इसे धरोहर की श्रेणी में शामिल किया है तथा सरकार के खाता संख्या 26 के तहत किस्म भूमि में दर्ज है। खुद सीओ भी स्वीकार कर रहे हैं कि पूर्व में इस भूमि की जमाबंदी कई लोगों के नाम पर की गई है। एडीएम चंद्रशेखर ने बताया कि ऐतिहासिक भूमि की जमाबंदी करना काफी गंभीर मामला है। सीओ के सभी कार्यों की जांच कराई जाएगी। यदि दोषी पाए गए तो उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
1545 में हुआ निर्माण
बताते चलें कि सलीम शाह सूरी वंश का दूसरे शासक के रूप में भारत की गद्दी पर बैठा था। अपने पिता शेरशाह सूरी के मौत के बाद 26 मई 1545 से सत्ता का बागडोर संभाला था। अपने शासन काल के दौरान सलीम शाह ने इस मकबरा का निर्माण शुरू कराया था। परंतु उसके अल्प शासन काल में इस मकबरा का निर्माण पूरा नहीं हो सका।