DESK: कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने भारत को पूरी तरह से हिला कर रख दिया है. कोरोना ने देश में स्वास्थ्य सेवाओं की कलई खोलकर रख दी है. कोरोना की वजह से लोगों को पता चला है कि हमारा हेल्थ सिस्टम कितना लचर है और यहां मूलभूत संसाधनों की कितनी कमी है. देश के बड़े और छोटे शहरों में अस्पतालों के बेड फुल हो चुके हैं और मरीज अस्पताल में भी ऑक्सीजन की कमी से तड़प रहे हैं. इससे हम इतना तो समझ सकते हैं कि जब बड़े शहरों और छोटे शहरों के हालात ऐसे हैं तो वही गांव और प्रखंडों के हालात कितने बुरे होंगे.
इस खोखली स्वास्थ्य व्यवस्था का फायदा उठा रहे हैं झोलाछाप डॉक्टर. इन झोलाछाप डॉक्टरों ने गांवों में अपना कब्जा जमा रखा है और मरीजों का अच्छा इलाज करने का दावा कर रहे हैं. मामला मध्य प्रदेश का है जहां मालवा जिले में झोलाछाप डॉक्टर देवीलाल ने खेत में अस्पताल बना दिया है. यहां मुख्य सड़क से महज 200 मीटर की दूरी पर खेत और बगीचे में मरीजों का इलाज किया जा रहा है. देवीलाल यहां बड़े आराम से मरीजों का इलाज कर रहे हैं, यहां तक की कई मरीजों को स्लाइन तक चढ रही है. चौंकाने वाली बात यह है कि स्लाइन की बोतल पेड़ पर लटकाकर रखी गई है. इस जगह पर आसपास के करीब 10 गांव के मरीज बड़ी संख्या में अपना इलाज करवाने के लिए पहुंचे हुए हैं. यहां के मरीजों को कोरोना का भी खौफ नहीं है. मरीज के तीमारदार आसपास एक साथ बैठकर इलाज में मदद कर रहे हैं.
इस हैरान कर देने वाले मामले की खबर स्थानीय अधिकारियों को है, मगर उन्होनें अबतक कार्रवाई करना मुनासिब नहीं समझा. इस मामले में सुसनेर बीएमओ मनीष कुरील का कहना है कि ऐसे चिकित्सकों पर कार्रवाई भी की जा रही है. इसके अलावा उन्होनें खुद गांव कार्रवाई करने की बात कही.