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विधानसभा में पहुंचा राजीव नगर में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे का मामला, जिला प्रशासन के आदेश पर भड़क गए बीजेपी विधायक, की यह मांग

विधानसभा में पहुंचा राजीव नगर में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे का मामला, जिला प्रशासन के आदेश पर भड़क गए बीजेपी विधायक, की यह मांग

PATNA : राजीवनगर - दीघा के 1024.52 एकड़ जमीन का मामला अब विधानसभा पहुंच गया है। मामले में कल शून्यकाल के दौरान दीघा से भाजपा विधायक डॉ. संजीव चौरसिया ने इस विवादित मामले को सदन के सामने रखा। उन्होंने इस पूरी कार्रवाई के दौरान जिला प्रशासन के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि यहां के सीओ ने विवादित जमीन पर घर बनाकर रह रहे लोगों को खाली करने का नोटिस तो दिया  है। लेकिन उसके बाद उनका क्या होगा, इसको लेकर कोई व्यवस्था करना उन्होंने जरुरी नहीं समझा। न तो उन परिवारों के लिए पुर्नवास की व्यवस्था की गई और न ही उनके लिए मुआवजे की घोषणा की गई।

भाजपा विधायक ने कहा कि सालों से उस 20 एकड़ जमीन पर सैकड़ों परिवार अपना घर बनाकर रह रहे हैं। लेकिन प्रशासन के इस फैसले से अब उनमें भय व्याप्त है। उन्होंने सरकार से तत्काल सदर अंचलाधिकारी के द्वारा जारी नोटिस को वापस लेने की मांग की।

भाजपा विधायक डॉ. संजीव चौरसिया ने मंगलवार को विधानसभा में शून्य काल के दौरान दीघा के 1024.52 एकड़ जमीन का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि सदर अंचलाधिकारी ने 20 एकड़ जमीन खाली कराने का नोटिस दिया है। लेकिन, मालिकों और भूस्वामियों के पुनर्वास व मुआवजा का प्रावधान नहीं किया गया है। इस जमीन पर मकान बनाकर रहने वाले लोगों के बीच विस्थापित होने का भय व्याप्त है। उन्होंने सरकार से तत्काल सदर अंचलाधिकारी के द्वारा जारी नोटिस को वापस लेने की मांग की।

कल कैंडिल मार्च निकालकर विरोध प्रदर्शन करेंगे स्थानीय लोग

दीघा कृषि भूमि आवास बचाओ संघर्ष समिति ने 30 जून को कैंडिल मार्च निकालने का निर्णय लिया है। संघर्ष समिति के अध्यक्ष श्रीनाथ सिंह ने कहा कि सदर अंचलाधिकारी ने एकतरफा आदेश पारित किया है। इस आदेश के खिलाफ दीघा के 1024.52 एकड़ जमीन पर रहने वाले लोग आशियाना-दीघा रोड स्थित नेपाली नगर पुल से निकलने वाली कैंडिल मार्च घुड़दौड़ रोड तक जाएगी।

बता दें कसदर अंचलाधिकारी द्वारा 20 जून को जारी नोटिस में 20 एकड़ जमीन को बिहार राज्य आवास बोर्ड का जमीन बताया गया है। इसके साथ ही एक सप्ताह में जमीन खाली करने का आदेश जारी किया गया है। जमीन को खाली नहीं किया जाता है तो प्रशासन कार्रवाई करेगी। इसका हर्जाना संबंधित मकानों के मालिकों से वसूलने की चेतावनी दी गई है। इस 20 एकड़ जमीन को बिहार राज्य आवास बोर्ड ने पटना हाईकोर्ट के आवासीय भवनों के निर्माण लिए आवंटन किया है। बता दें कि इस 20 एकड़ जमीन पर 72 मकान बनाए गए हैं, जिनके लिए पूरी सरकारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद उनका निबंधन किया गया था। लेकिन अब इस निर्माण को ही अवैध बताया जा रहा है। जिसका यहां रहनेवाले लोगों ने विरोध जताया है।


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