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कबाड़ी वाला 50 साल से खरीद रहा था लॉटरी टिकट, नहीं हुआ बड़ा फायदा, पहली बार पत्नी के नाम से लिया तो लगा जैकपॉट

कबाड़ी वाला 50 साल से खरीद रहा था लॉटरी टिकट, नहीं हुआ बड़ा फायदा, पहली बार पत्नी के नाम से लिया तो लगा जैकपॉट

DESK: लॉटरी खेलने की आदत ऐसी होती है, जब तक आपका नंबर नहीं लगता है, तब तक यह पीछा नहीं छोड़ती  है। पंजाब के जालंधर के आदमपुर में कबाड़ का काम करनेवाले 67 साल के बुजुर्ग प्रीतम सिंह ऐसे ही लोगों में शामिल हैं। जो पिछले 50 साल से लगातार लॉटरी का टिकट खरीद रहे हैं। इस उम्मीद में कि एक दिन उनकी किस्मत चमकेगी। लेकिन कभी उन्हें बड़ी कामयाबी नहीं मिली। अब प्रीतम की यह उम्मीद पूरी हो गई है। उन्हें ढाई करोड़ की लॉटरी लगी है। 

अपनी नहीं पत्नी के नाम से लिया टिकट

प्रीतम ने बताया कि वह पिछले 50 सालों से टिकट खरीद रहे हैं। पिछले सप्ताह उन्होंने शहर से आए सेवक नामक व्यक्ति से लॉटरी का टिकट खरीदा था. यह टिकट उन्होंने अपने नाम से नहीं बल्कि अपनी पत्नी अनीता जग्गी उर्फ बबली के नाम से खरीदा था। उनका टिकट नंबर 452749 था. रविवार सुबह जब उन्होंने अखबार पढ़ा तो उन्हें पता चला कि उनकी लॉटरी लग गई है. हालांकि उन्हें इस बात पर यकीन नहीं हुआ. इसके कुछ समय बाद जब लॉटरी बेचने वाली एजेंसी से उनके पास फोन आया तो उन्हें यकीन हुआ.उन्हें उम्मीद थी कि एक दिन उनकी किस्मत चमकेगी.

पत्नी से कहा  था - यह आखिरी बार 

प्रीतम ने बताया कि वह पिछले 50 सालों से लॉटरी खेल रहे हैं . उन्होंने कई बार छोटे-मोटे इनाम जीते. इस बार उन्होंने पत्नी ने कहा कि वह आखिरी बार लॉटरी का टिकट लेने जा रहे हैं. उन्होंने इस बार पत्नी के नाम से लॉटरी खरीदी. जब एजेंसी से फोन आया तो मुझे यकीन ही नहीं हुआ कि मैं 2.5 करोड़ जीत गया हूं. मैंने सबसे पहले 1 रुपये की लॉटरी टिकट खरीदी थी और आखिरी लॉटरी टिकट 500 रुपये की खरीदी, जिसने मुझे ढाई करोड़ का मालिक बना दिया.

पैसे से मकान और दुकान खरीदेंगे

प्रीतम ने जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने सिर्फ एक एजेंसी से लॉटरी नहीं खरीदी बल्कि वो कई जगहों से लॉटरी खरीदते थे. प्रीतम का कहना है कि पैसे मिलने के बाद वो कुल रकम का करीब 25 फीसदी हिस्सा धार्मिक कार्यों में लगाएंगे और बचे हुए पैसों से अपना मकान और दुकान खरीदेंगे


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