PATNA : बिहार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के मंत्री नीरज कुमार ने सीएम नीतीश कुमार द्वारा अपने मां-बाप की सेवा नहीं करने वाले पर कार्रवाई किये जाने के फैसले का ऐतिहासिक करार दिया है। नीरज ने आज बुधवार को कहा कि एक ओर जहां इस भौतिकवादी समाज में एकल परिवार की महत्ता बढ़ी है, वहीं माननीय मुख्यमंत्री जी ने बुजुर्गों को भी सम्मान की जिंदगी जीने का हक देने का प्रयास किया है।
उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश कुमार जी ने राज्य में शराबबंदी के बाद दहेजप्रथा, बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों को समाप्त करने की पहल के बाद अब बुजुर्गों को भी सम्मान देने के लिए कदम उठाए हैं।
बिहार मंत्रिपरिषद की बैठक में समाज कल्याण विभाग के प्रस्ताव पर माता-पिता और वरिष्ठ नागरिक का भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम-2007 के तहत में गठित अपील अधिकरण के अध्यक्ष अब जिलाधिकारी को बनाने की मंजूरी दी गई है।
बेटे-बेटियों और निकट संबंधियों से प्रताड़ित होनेवाले माता-पिता प्रताड़ना को लेकर अब जिलाधिकारी के पास अपील कर सकते हैं। प्रताड़ना झेल रहे माता-पिता को अपनी शिकायत के लिए परिवार न्यायालय नहीं जाना होगा।
नीरज ने कहा कि आमतौर पर राजनेता विकास के काम कर विकास की बातें तो करते हैं परंतु नीतीश कुमार जी ने विकास के अलावे सामाजिक कुरीतियों को दूर करने और सामाजिक दायित्वों के पालन नहीं करने वालों पर कानून बनाकर राजनीति में नई लकीर खींची है। इसके लिए माननीय मुख्यमंत्री जी को साधुवाद।
इसके पहले भी बिहार में शराबबंदी कर कई घरों को उजड़ने से बचाया गया है। आज सही मायने में मुख्यमंत्री राजनेता के साथ सामाजिक बदलाव के भी वाहक बन गए हैं।
बता दें कि मंगलवार को नीतीश कैबिनेट की बैठक में मां-बाप को प्रताड़ित करने वाले बच्चों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई किए जाने और उन्हें हर हाल में अपने मां-बाप की सेवा करने संबंधी कानून को मंजूरी दी गई। अब अपने मां-बाप को प्रताड़ित करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी और उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है।
विवेकानंद की रिपोर्ट