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फ्लैट में फंसा पैसा मिलेगा वापस, केन्द्र सरकार उठाएगी ये कदम

फ्लैट में फंसा पैसा मिलेगा वापस, केन्द्र सरकार उठाएगी ये कदम

नई दिल्लीः मोदी सरकार दिवालिया और दिवालियापन संहिता (इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्शी कोड) में बदलाव कर सकती है। जिसका सीधा फायदा उन लोगों को मिलेगा जिन्होंने नया घर खरीदने के लिए पैसे निवेश किए हैं लेकिन बिल्डर के दिवालिया हो जाने के कारण उन्हें घर नहीं मिल पाए हैं।

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सरकारी सूत्रों की मानें तो सरकार अध्यादेश के जरिए आईबीसी में बदलाव कर सकती है। इसमें होम बायर्स को बैंक और अन्य वित्तीय कर्जदारों की श्रेणी में रखा जा सकता है। अगर ऐसा होता है, तो होम बायर्स की तरफ से घर खरीदने के लिए दिए गए पैसे को भी ‘कमशर्यिल बोरोविंग’ के तौर पर शामिल किया जाएगा। इस तरह बायर्स के लिए भी अपना पैसा हासिल करना काफी आसान हो जाएगा।

कानून के तहत अभी तक केवल वित्तिय संस्थाओं जैसे कि बैंक और अन्य उधारदाताओं को ही ये अधिकार था कि वह अपना बकाया वापस ले सकें। लेकिन आम लोगों के पास ऐसा कोई अधिकार नहीं है। जिस कारण वह आज भी कानून का सहारा लेकर अपने पैसे वापस पाने की कोशिशों में लगे हुए हैं।

भारत में ऐसे कई मामले हैं जिनमें बिल्डर्स के वित्तिय संकटों का सामना करने के कारण लोगों को घर नहीं मिल पाए हैं। कारपोरेट कार्य मंत्रालय के पास ऐसी बहुत सी शिकायतें आ चुकी हैं जिसके चलते मंत्रालय ने 14 सदस्यों की कमेटी गठित कर आईबीसी में उपयुक्त बदलावों के लिए सुझाव मांगे।

कहा जा रहा है कि अगर यह अध्यादेश मंजूर हो गया तो यह दिवालिया और दिवालियापन संहिता में दूसरा सबसे बड़ा बदलाव होगा। इसके तहत उन सभी प्रावधानों में संशोधन किया जाएगा जो घर खरीदने वालों के हितों को प्रभावित करते हैं।

गौरतलब है कि इससे पहले लोकसभा में 29 दिसंबर 2017 को इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्शी कोड (आईबीसी) में संशोधन का विधेयक परित हुआ था। जिसके तहत जान बूझकर कर्ज नहीं चुकाने वाले बकायेदार खुद की संपत्ति की बोली नहीं लगा सकते। बता दें कि आईबीसी कार्यान्वयन कॉरपोरेट मामलों द्वारा ही किया जाता है जिसे 2016 दिसंबर में लागू किया गया था, जो समयबद्ध दिवालिया समाधान प्रक्रिया प्रदान करती है।

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