NALANDA : हर बार की तरह इस दशहरा मेले में भी शहर के मोहिउद्दीनगर मोहल्ले में बनने वाला पंडाल खास और कुछ हटकर बनाया गया है । हू-ब-हू परीलोक की तरह पंडाल को आकार दिया गया है । कशीदाकारी और लाइटिंग का बेजोड़ नमूना देखने को मिल रहा है । मां के दर्शन को आने वाले भक्तों को ऐसा अहसास होगा कि वे परियों के बीच आ गये हैं। दीवारों पर बैठीं चिड़ियों की मधुर आवाज मन को सुकून देगी तो शेर पर बैंठी मां शेरावाली भक्तों को आशीर्वाद देती नजर आ रही है । बंगाल के नहेटी निवासी श्याम बाल्मीकि की देखरेख में 15 से ज्यादा कारीगर पिछले 2 माह से पंडाल को जीवंत रूप देने में जुटे हैं। खास यह भी कि पंडाल में इस्तेमाल होने वाले ज्यादातर सामान बंगाल से ही लाया जा रहा है।
पंडाल की विशेषता
40 फुट चौड़ा और 36 फीट चौड़ा पंडाल के बाहर और अंदर लाइटिंग का विशेष इंतजाम किया गया है । रात में इसकी खूबसूरती देख लोग अचंभित रह जाएंगे। प्लाइवूड, थर्मोकोल व फाइवर पर की गयी नकाशी अलग अहसास कराएगा तो उजले फूलों से सजे परीलोक में आते ही श्रद्धालु रोमांचित हो जाएंगे। रंगीन रोशनी इसकी आकर्षकता में चार चांद लगाएगी।
नवमी को खीर तो दशमी को हलवा का प्रसाद:
भारतीय वीर नवयुवक दल के सक्रिय सदस्य विकास कुमार, अजीत कुमार, गड्डू कुमार व प्रितम कुमार कहते हैं कि तन्नू प्रसाद और वृजनंदन प्रसाद द्वारा मोहद्दीनगर में मां की प्रतिमा स्थापित करने की शुरुआत की गयी थी। तब से हर साल मां की आराधना की जा रही है। नवमी को खीर तो दशमी को हलवा का प्रसाद भक्तों के बीच बांटा जाता है। पंडाल निर्माण में करीब 30 लाख की लागत लगी है ।
मां की भव्य प्रतिमा का होगा दर्शन:
खास यह कि पिछले 12 वर्षों से यहां के पंडाल और प्रतिमा बंगाल के कारीगर बना रहे हैं। मूर्तिकार कालू पाल बताते हैं कि इसबार की प्रतिमा बहुत ही आकर्षक और भव्य होगी। भक्तजन दर्शन-पूजन कर गदगद हो जाएंगे।