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ब्रिटिश काल के अस्पताल का नाम बदलकर नीतीश सरकार ने की इतिश्री, इलाज के नाम पर केवल फर्स्ट एड की सुविधा

ब्रिटिश काल के अस्पताल का नाम बदलकर नीतीश सरकार ने की इतिश्री, इलाज के नाम पर केवल फर्स्ट एड की सुविधा

GAYA : ब्रिटिश हुकूमत के समय से गया के विश्व पर्यटन मानचित्र पर स्थान रखने के कारण यहां तीर्थयात्रियों के नाम पर पिलग्रिम अस्पताल और महिलाओं के लिए लेडी एल्गिन एण्ड जनाना अस्पताल का निर्माण कराया गया था। नीतीश सरकार ने केवल नाम बदल कर जय प्रकाश नारायण अस्पताल एवं प्रभावती अस्पताल कर दिया। राज्य सरकार ने ना ही इन दोनों को सदर अस्पताल का दर्जा दिया और न ही मॉडल अस्पताल बनाने की मांगें पूरी की।

गया महानगर विकास संघर्ष समिति के संयोजक प्रो विजय कुमार मिठू, संरक्षक पूर्व सांसद रंजीत सिंह उर्फ रंग बाबू, पूर्व विधायक मो खान अली, राम प्रमोद सिंह, अमरजीत कुमार,प्रशांत कुमार गणेश, विद्या शर्मा, मदीना खातून, मुन्नी देवी, बेदामी देवी, मनीषा सिंह, मनती देवी, सकलदेव चंद्रवंशी, विनोद उपाध्याय, राजेश्वर पासवान, सुरेन्द्र मांझी, अरुण कुमार पासवान आदि ने कहा कि गया शहर के बीचों बीच स्थित जे पी एन अस्पताल जो ए एन एम सी एच के पहले खुला था। यहाँ सभी प्रकार का आउट डोर इलाज, ऑपरेशन,पोस्टमार्टम सहित सभी प्रकार का काम होता था। लेकिन आज केवल फर्स्ट एड की सुविधा ही यहां मौजूद है। हालाँकि इसके वृहद कैंपस में सिविल सर्जन सहित स्वास्थ्य महकमा के कई प्रकार के कार्यालय है।

दूसरी ओर गया जिला के 24 प्रखंड एवं 16 लाख महिलाओं के लिए एकमात्र प्रभावती अस्पताल जर्जर और बेहाल है। जबकि इसके बड़े परिसर में ए एन एम कॉलेज, गया संक्रमण अस्पताल भी है। यहां महिला डॉक्टर की संख्या केवल दो है। ऑपरेशन की सुविधा, नवजात शिशु के इलाज की सुविधा, पूर्व से बने कॉटेज की सुविधा नगण्य है। गया महानगर विकास संघर्ष समिति के नेताओं, कार्यकर्ताओं एवं गयावासियों ने सरकार से इन दोनों सैकड़ों वर्ष पुराने अस्पताल को सदर अस्पताल का दर्जा देने तथा दोनों को सभी सुविधायुक्त मॉडल अस्पताल बनाने की मांग की है।

गया से मनोज कुमार की रिपोर्ट

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