कैमूर. जिले के मोहनिया में 15 जनवरी को को भारत गैस एजेंसी के संचालक का अपहरण का मामला उनकी पत्नी ने मोहनिया थाने में दर्ज किया था। जिसका पुलिस ने 12 दिनों बाद खुलासा किया है। साथ ही पुलिस गैस एजेंसी के संचालक को बरामद कर ली है। पुलिस के अनुसार गैस एजेंसी संचालक कर्ज की वजह से खुद ही अपहरण की साजिश रची थी और अपनी पत्नी और संबंधियों को अपहरण की जानकारी दी थी। मामले दर्ज होने के बाद पुलिस ने छानबीन शुरू की थी, इसका खुलासा हुआ।
अपहरण के मामले को लेकर पुलिस ने टीम का गठन किया था, जिसमें डीआईयू की टीम को भी शामिल की गयी थी। गठित टीम के द्वारा सभी बिंदुओं पर अनुसंधान किया गया एवं इस क्रम में अपहृत के गांव कथराई एवं इनके परिजन मित्र जो डेहरी में निवास करते थे, उनसे भी संपर्क किया गया। 27 तारीख को अनुसंधान के क्रम में सूचना के आधार पर पुलिस बल की टीम द्वारा यूपी के बनारस से अपहृत को उनके संबंधी के घर से सकुशल बरामद कर लिया गया है। जब पुलिस ने उससे पूछताछ किया तो संचालक ने बताया कि अत्यधिक पैसों के कर्ज के दबाव में मैं स्वयं को गायब कर अपहरण करने का नाटक कर लिया। वही मैंने अपने पत्नी एवं रिश्तेदारों को भी फोन करके बताया था कि मेरा कोई अपहरण करने के लिए पीछा कर रहा है।
इस संबंध में एसपी राकेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि 14 जनवरी को मोहनिया थाना अंतर्गत एक मामला अपहरण करने का प्रकाश में आया था। वहीं जिसका अपहरण किया गया था वह रोहतास जिले के कथराई गांव निवासी धर्मेंद्र प्रताप है, जो भारत गैस एजेंसी के संचालक भी हैं। उनके अपहरण के मामले को लेकर उनके ही पत्नी द्वारा मोहनिया थाने में आवेदन देकर मामला दर्ज कराया गया था, जिसका पुलिस ने 15 तारीख को कांड संख्या दर्ज करते हुए अनुसंधान में जुट गई।
वहीं पुलिस ने अनुसंधान के क्रम में सूचना के आधार पर लगभग 12 दिन बाद 27 तारीख के दिन गैस एजेंसी के संचालक को वाराणसी से एक संबंधी के घर से बरामद कर लिया है। जब बरामद संचालक से पुलिस ने पूछताछ किया तो उन्होंने खुलासा करते हुए बताया कि मैं एक साजिश के तहत अपने पत्नी एवं रिश्तेदारों को अपहरण करने का फोन पर सूचना दिया था। मुझे यह सब कर्ज में डूबने को लेकर साजिश करना पड़ा।