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बिहार के लोगों पर पड़ा महंगाई का ट्रिपल अटैक, खाना-पीना, घूमना-फिरना, दवाई-पढाई सब हुआ महंगा

बिहार के लोगों पर पड़ा महंगाई का ट्रिपल अटैक, खाना-पीना, घूमना-फिरना, दवाई-पढाई सब हुआ महंगा

पटना. 1 अप्रैल से वित्त वर्ष बदलने के साथ ही आम लोगों का बजट भी बिगड़ गया है. नए वित्त वर्ष पर महंगाई का नया नया झटका लोगों को लगना शुरू हो गया है. इसका नतीजा है कि चाहे खाना-पीना हो या फिर सफर करना सब कुछ महंगा हुआ है. इतना ही नहीं दवाई से लेकर पढाई तक पर महंगाई की मार पड़ी है. बिहार में इसका बड़ा असर देखा जा रहा है और आम आदमी महंगाई के ट्रिपल अटैक से बेहाल होने जा रहा है. 

दरअसल शुक्रवार से कॉमर्शियल गैस की कीमतों में प्रति सिलेंडर 250 रुपए की बढ़ोतरी हो गई है. यानी जो सिलेंडर होटल जैसी जगहों पर खाना पकाने में उपयोग होता है उनकी कीमतें बढ़ी है. माना जा रहा है कि इस कारण होटल में खाने-पीने के सामान की कीमत बढ़ जाएगी. 1 अप्रैल 2022 से कॉमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत 2253 रुपये पर पहुंच गया है. 

इसी तरह आम आदमी का सड़क पर सफर करना भी महंगा हो गया है. बिहार के सभी टोल नाकों पर टोल टैक्स में 10 से 65 रुपए तक की बढ़ोत्तरी हुई है. नए टोल दर के कारण राष्ट्रीय राजमार्गों पर आज से सफर करना महंगा हो गया है. उदाहरण के तौर पर नए टोल दर के कारण अब बख्तियारपुर-पटना टोल प्लाजा पर कार-जीप के लिए एक तरफ का टोल 125 रुपए तो वापसी पर दोनों ओर के लिए 285 रुपए का भुगतान करना होगा. इसी तरह बस, मालवाहक वाहक, ओवरसाइज़ कॉमर्शियल वाहन के टोल टैक्स में भी जोरदार बढ़ोत्तरी हुई है. इन सबका का सीधा असर होगा कि आम आदमी को सफर करने के लिए अब ज्यादा भुगतान करना होगा. साथ ही उनकी  माल ढुलाई का खर्चा भी ज्यादा लगेगा. 

नए वित्त वर्ष के शुरू होने के साथ ही इस बार देश में करीब 800 दवाईयों की कीमत में बढ़ोत्तरी हुई है. बुखार, सिरदर्द, गैस, दस्त जैसी मामूली बिमारियों से लेकर कैंसर, टीवी जैसी गंभीर बिमारियों से सम्बद्ध दवाई भी महँगी हो गई है. इसमें एंटी बायोटिक से लेकर पेन किलर जैसी जरूरी दवाएं भी शामिल हैं. इसका नतीजा होगा कि अब हर प्रकार की बीमारी का उपचार कराने में आम लोगों को जेब से ज्यादा खर्च करना होगा. 

1 अप्रैल से गाड़ियां भी महंगी होने जा रही हैं. जहां एक तरफ टाटा मोटर्स ने अपनी गाड़ियों की कीमतों में 2-2.5 फीसदी तक दाम बढ़ाने का फैसला किया है, तो वहीं टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने भी अपने सभी प्रोडक्ट की कीमत 4 फीसदी तक बढ़ाने का फैसला किया है. इसी तरह पढाई का खर्चा भी बढ़ गया है. अधिकांश स्कूलों ने इस बार फ़ीस वृद्धि की है. साथ ही नई किताबें भी जारी की है. इस कारण पढना लिखना भी महंगा हो गया है. 


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