बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

कोरोना नहीं इस बीमारी से काल के गाल में समा रहे है इस गांव के लोग, जानिए कौन सी है बीमारी और क्या है कारण.....

कोरोना नहीं इस बीमारी से काल के गाल में समा रहे है इस गांव के लोग, जानिए कौन सी है बीमारी और क्या है कारण.....

DESK : देश में एक ऐसा गांव है जहां हर घर में जानलेवा सिल्कोसिस बीमारी से पीड़ित मरीज है। इस जानलेवा बीमारी ने गांव को इस कदर जकड़ रखा है कि नवजवान जवानी में ही बूढे हो रहे है। मां अपने जवान बेटे को हर पल दर्द से तड़पता देखने को मजबूर है। 

दरअसल राजस्थान के पाली जिले के कागड़दा गांव के लोगो ने जिस पत्थर पत्थर कटाई और घिसाई के काम को अपने जीविका का साधन बनाया वही काम आज उनके जान का दुश्मन बन गया है।  पत्थर कटाई और घिसाई के काम के कारण इस गांव के लोगो को सिल्कोसिस जैसी जानलेवा बीमारी ने जकड़ रखा है। अबतक दर्जनों लोग इस बीमारी से अपनी जान गंवा चुके है जबकि कई इस बीमारी से जंग लड़ रहे है।


करीब ढाई-सौ घरों की आबादी वाले इस गांव में पांच साल पहले इस बीमारी ने लोगों को जकड़ना शुरू किया था। उसके बाद से गांव के करीब 70-80 लोग अकाल मौत के मुंह में समा चुके हैं, वहीं करीब 100 युवक मौत के मुहाने पर खड़े हैं. वे पल-पल मौत का इंतजार कर रहे हैं।

इस बीमारी ने गांव के हालात ऐसे बना दिये है कि कहीं किसी के घर में मां अपने जवान बेटों को पल-पल दर्द से तड़पता देख रही है तो कहीं मासूम दो जून की रोटी के लिये किसी मददगार की उम्मीद लगाये बैठे हैं। युवा समय से पहले बूढ़े हो रहे हैं.


गांव के घर-घर में जड़ें जमाकर बैठी इस बीमारी के डर से यहां कोई व्यक्ति अपनी बेटी की शादी इस गांव के युवक से नहीं करता चाहता। उन्हें डर है कि पता नहीं कब उनकी बेटी की मांग का सिंदूर उजड़ जाये कुछ नहीं कहा जा सकता। क्योंकि इस गांव में कई महिलायें ऐसी भी हैं जो 20 साल की उम्र भी पार नहीं कर पाई है और विधवा हो गयी।

बता दें  पाली जिले के बाली और रायपुर इलाके के कई गांव हैं जहां कच्चे पत्थर के खदान में पत्थर घिसाई एवं कटाई का काम होता है। यह आसपास के गांवों के कई लोग मजदूरी करते हैं। लेकिन सुरक्षा उपकरणों के अभाव में पत्थरों से उड़ने वाली डस्ट से ये लोग धीरे धीरे सिलिकोसिस बीमारी से ग्रस्त हो जाते हैं।

Suggested News