BANKA : अभी 24 घंटे का समय भी नहीं गुजरा है जब बिहार के मुख्यमंत्री ने बालू तस्करी में लिप्त चार डीएसपी रैंक के अधिकारियों को नौकरी से बर्खास्त करने की बात कही है। लेकिन बिहार में बालू माफियाओं के साथ पुलिसवालों की सांठ गांठ कितनी गहरे तक धंस चुकी है कि वर्दी की आड़ में वह किसी भी प्रकार का जुर्म करने से परहेज नहीं करते हैं। मामला बांका जिले से सामने आया है। जहां खनन विभाग के अधिकारी को तब मारपीट कर उनका अपहरण करने की कोशिश की गई, जब बालू की तस्करी रोकने के लिए एक जगह पहुंचे थे। यह अपहरण की कोशिश भी कोई बालू माफिया नहीं, बल्कि एक पुलिसवाला था. जिसकी गाड़ी में खनन अधिकारी को जबरन अपहरण किया जा रहा था। हालांकि वह इसमें कामयाब नहीं हो सके।
बिहार के बांका जिले में बालू माफियाओं का मनोबल दिनों दिन बढ़ता जा रहा है तथा पुलिस एवं खनन पदाधिकारियों पर हमले की घटना में भी वृद्धि हो रही है। खास बात यह कि इन बालू माफियाओं में पुलिस के लोगों की भी संलिप्तता है। खान निरीक्षक संजय प्रसाद ने बताया कि उन्हें सूचना मिली कि बालू लदे तीन ओवरलोडेड हाइवा अमरपुर की ओर आ रहे हैं। उन्होंने बुधवार की देर रात अमरपुर के दिग्घी पोखर के समीप एमवीआई के साथ हाइवा की जांच शुरू की। उन्होंने ओवरलोडेड तीनों हाइवा को रोक कर उसकी जांच शुरू की।
कांस्टेबल ने की कार्रवाई रोकने की कोशिश
खनन अधिकारी ने बताया कि इसी समय हाजीपुर में पदस्थापित पुलिस कांस्टेबल संख्या 120 राकेश कुमार चौधरी अपनी कार से वहां पंहुचे तथा कार्रवाई नहीं करने की बात की, जब ऐसा करने से मना किया तो उसने मारपीट शुरू कर दी। मारपीट के बाद उन लोगों ने उन्हें अपनी कार में उन्हें बैठा कर उनके अपहरण का प्रयास किया। लेकिन तब तक अमरपुर के थानाध्यक्ष वहां पंहुच गए तथा राकेश कुमार चौधरी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को देखते ही अन्य छह-सात लोग वहां से भाग निकले। पुलिस ने पुलिस कांस्टेबल की कार तथा एक हाइवा को जब्त कर लिया तथा उन्हें थाना लाया। घायल खनन निरीक्षक का इलाज रेफरल अस्पताल में किया गया।