CHHAPRA : छपरा में जहरीली शराब से मौत के तांडव के बाद भी कहीं कुछ सुधार के नतीजे नहीं दिख रहे। शराब बिक ही रही है लोग खुलेआम पी ही रहे हैं ।यह और कहीं का नहीं बल्कि छपरा शहर के कचहरी स्टेशन के सामने का नजारा है जहां एक बुजुर्ग पाउच का सेवन करते हुए बता भी रहा है के चारों तरफ मिल रहा है ।आप लोग कहे तो मंगवा दे हम। पैसा दीजिए 20-20 रुपया लगेगा ।साथ हीं बुजुर्ग ने कहा कि डरने की बात नही है। उसने अपने भाषा में शराब विक्रेता का नाम भी बताया ।इस से तो यही लगता है कि शराब माफिया प्रशासन पर भारी पड़ रहा है।
सड़क पर पी गया पाउच
इस दौरान बुजुर्ग सड़क पर शराब की पूरी पाउच पी गया। जब उससे पूछा गया कि अंग्रेजी शराब नइखे मिलत, तो बुजुर्ग का कहना था - आवते नइखे, आई तब मिली, अभी त सिर्फ देसी शराब मिलता.. चाहीं। येही ले काम चलाव...। बुजुर्ग को देखने के बाद कहीं से भी ऐसा नहीं लगता है कि इसी जिले में दस दिन पहले इसी देसी शराब के पीने से एक साथ सौ के करीब लोगों की मौत हो गई थी।