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केंद्र में कमजोर हो गया प्रदेश का प्रतिनिधित्व, राजद ने कर दिया साफ - इन मंत्रियों में उतना दम नहीं कि बिहार का हक दिला सकें

केंद्र में कमजोर हो गया प्रदेश का प्रतिनिधित्व, राजद ने कर दिया साफ -  इन मंत्रियों में उतना दम नहीं कि बिहार का हक दिला सकें

PATNA : मोदी कैबिनेट में बिहार कोटे से पर्याप्त जगह नहीं मिल पाने को लेकर अब विपक्ष ने अपनी तीखी प्रतिक्रियाएं देनी शुरू कर दी हैं। जिनमें राजद के मुख्य प्रवक्ता व विधायक भाई विरेंद्र ने जदयू और नीतीश कुमार बड़ा हमला किया है। उन्होनें केंद्र में जदयू से सिर्फ एक मंत्री बनाने को लेकर कहा कि देहात में एक कहावत है थूककर चाटना। जदयू की हालत भी कुछ ऐसी हो गई है। भाई विरेंद्र ने इशारों ने इशारों में कैबिनेट में पर्याप्त जगह नहीं मिलने को लेकर सीएम पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि सीएम अब कमजोर पड़ गए हैं और उनकी भूमिका सिर्फ पीछलग्गू तक सीमित हो गई है। 

नए मंत्रियों में कोई दम नहीं

राजद नेता ने नए बने मंत्रियों पर भी सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि बिहार के केद्र में कमजोर कर दिया गया है। जो लोग मंत्री बनाए गए हैं। वह राजनीतिक स्थिति वैसी नहीं है कि वह केंद्र में बिहार की विकास की बात कर सकें। हां, वह अपने विकास के लिए जरुर काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलने की बात अब संभव नहीं है। 

चिराग-तेजस्वी का साथ आना बस वक्त की बात

भाई विरेंद्र ने पशुपति पारस को मंत्री बनाए जाने को लेकर कहा कि अब चिराग की आंखों पर चढ़ा मोदी का भ्रम टूट गया है। जिस तरह से प्रधानमंत्री ने चिराग की जगह पशुपति को मौका दिया। उसके बाद अब चिराग को सोचना पड़ेगा कि अब भी वह पीएम के साथ रहेंगे। राजद नेता ने कहा कि अब समय आ गया है कि चिराग और तेजस्वी एक साथ आएं और बिहार के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए काम करें। तेजस्वी राज्य की बागडोर संभालें और चिराग केंद्र की जिम्मेदारी संभालें। 

सुशील मोदी कहेंगे लालू की वजह से नहीं मिला मौका

भाई विरेंद्र ने सुशील मोदी और रविशंकर प्रसाद को मंत्री नहीं बनाए जाने पर चुटकी लेते हुए कहा कि अब तक कैसे चुप हैं कि नहीं तो तुरंत आरोप लगाएंगे की दिल्ली में लालू प्रसाद ने ही ये सब काम किया है मंत्री पद से हटाया है। यह उनकी आदत में शुमार हो चुका है।

जदयू में सिर्फ कुरमी को महत्व

आरसीपी के मंत्री बनाए जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि जदयू सिर्फ कुरमी जाति की पार्टी बन कर रह गई है। यहां सभी बड़े पदों पर कुरमी जाति के लोगों को ही मौका दिया जाता है। मनेर विधायक ने कहा कि जब यह तय हो गया था कि जदयू से सिर्फ एक व्यक्ति को मौका दिया जाएगा, तो नीतीश कुमार ने अपनी जाति को महत्व दिया। अगर सही मायने में जदयू समाज के सभी लोगों को साथ लेकर चलने की सोच रखती तो वह दूसरी जाति के लोगों को मौका देती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 


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