‘बिहार को विशेष राज्य’ पर नहीं थम रही रार, मोदी सरकार के सामने अड़ गए हैं नीतीश कुमार

पटना. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग पर नीतीश सरकार अड़ी हुई है. केंद्र सरकार की ओर से इस मुद्दे पर अब तक कोई स्पष्ट बयान जारी नहीं हुआ है, लेकिन मोदी सरकार का रुख देखने से साफ साफ लगता है वह बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने को फ़िलहाल तैयार नहीं है. 

हालाँकि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह इस मुद्दे पर इन दिनों काफी आक्रामक रुख अख्तियार किए हुए हैं. देश के प्रधान बिहार पर दें ध्यान हैशटैग से वे कई ट्वीट कर चुके हैं. उन्होंने मोदी सरकार से यहाँ तक कह दिया है कि अगर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने में कोई नीतिगत परेशानी आ रही है तो उन नियमों को केंद्र सरकार बदल दे. इसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा है कि आपको बिहार ने अप्रतिम बहुमत दिया है तो आप भी बिहार के हित में नियम बदल दें. 

ललन सिंह ने शनिवार को एक ट्वीट किया. उन्होंने कहा, आदरणीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कुशल नेतृत्व में बिहार ने अभूतपूर्व विकास करके दिखाया है. विशेष राज्य का दर्जा मिलने से केंद्रीय सहयोग मिलेगा तो विकास की गति और बढ़ेगी, राज्य का पिछड़ापन शीघ्र दूर होगा व ट्रांसफॉर्म इंडिया भी होगा. इसके पहले उन्होंने कहा कि रघुराम राजन समिति और हाल ही में जारी नीति आयोग की रिपोर्ट से स्पष्ट है कि केंद्र सरकार द्वारा बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने हेतु पर्याप्त प्रमाण भी है. नियमों में यदि कोई सुधार आवश्यक है, तो बिहार और देश ने सरकार को अप्रतिम बहुमत दिये हैं.  

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अगले महीने पेश होने वाले आम बजट में बिहार के लिए विशेष घोषणाएं हों इसे लेकर जदयू की रणनीति के तहत ललन सिंह लगातार ट्वीट कर रहे हैं. यह मोदी सरकार पर नीतीश सरकार की दबाव बनाने की रणनीति भी है. ऐसे में अगर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा न भी और विशेष पैकेज जारी हो जाए तो यह भी नीतीश सरकार की बड़ी रणनीतिक जीत होगी. या फिर जिन परियोजनाओं के लिए बिहार सरकार आम बजट में मोदी सरकार से आवंटन चाहती है उसे लागू कराने की भी यह एक रणनीति हो सकती है.