MUZAFFARPUR : क्वॉरेंटाइन केंद्र से घर वापस लौटे प्रवासी लोग इन दिनों बेहद परेशान हैं। उनके जेब में न तो फूटी कौड़ी है और न ही आगे जीने का कोई व्यवस्था। परिवार चलाना उनके लिए बड़ी चुनौती बन गई है। सरकारी राहत पूरी तरह नाकाफी है। ऐसे में सरकार वैसे लोगों को राहत देने के बजाय रोजगार दे , नहीं तो स्थिति अनियंत्रित हो जाएगी वही गरीब भूख से मरेंगे। यह कहना है कि बिहार सरकार के पूर्व मंत्री अजीती कुमार का।
आज गुरुवार को जिले में सामाजिक कार्यकर्ताओं के द्वारा क्षेत्र के कई गांवों में घर लौटे प्रवासी लोगो को मदद पहुंचाने एवं संक्रमित लोगों की बढती संख्या पर चर्चा करने के लिए बैठक आयोजित की गई।
इस बैठक को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री अजीत कुमार ने कहा कि सरकारी राहत से अब गरीबों का काम चलने वाला नहीं है उन्हें आगे जीने के लिए रोजी रोजगार चाहिए।
अजीत कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री के द्वारा मजदूरों को काम देने के लिए राज्य स्तर पर टास्क फोर्स का गठन किया गया है जो सराहनीय कदम है। यह टास्क फोर्स निश्चित अवधि में मजदूरों को काम उपलब्ध करावे इसके लिए सरकार शीघ्र समय सीमा निर्धारित कर घोषणा करें। तभी निराश मजदूरों का आश जगेगा।
पूर्व मंत्री ने कहा कि राशन कार्ड से वंचित गरीबों को सरकारी घोषणा के बावजूद अभी तक राशन कार्ड उपलब्ध नहीं कराया गया है। यह बड़ी चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि सत्ता व शासन के द्वारा बीते 2 माह से गरीबों को कार्ड उपलब्ध कराने की घोषणा लगातार की जा रही है, लेकिन अभी तक एक भी गरीब को नया राशन कार्ड उपलब्ध नहीं कराया गया है। जिस कारण लोगों में भारी असंतोष व्याप्त है। इसलिए सरकार घोषणा करने के बजाय गरीबों को कार्ड उपलब्ध कराए।
उन्होंने उपस्थित सामाजिक कार्यकर्ताओं से कहा कि इस संकट की घड़ी में बाहर से आए लोगों को आप भरपूर मदद करें। उन्होंने इस कार्य के लिए हर गांव में पचिस-पचिस नौजवानों का टीम गठित किया जो समाजिक स्तर पर राहत सामग्री इकट्ठा कर प्रभावित लोगो को मदद करेगे।
वहीं बैठक में उपस्थित प्रवासीयो के परिजनों ने कहा कि हमें अब राहत नहीं सरकार रोजगार दे। बैठक में राज्य में संक्रमित लोगो की बढ़ते संख्या पर गहरी चिंता व्यक्त की गयी।वही लोगो से सतर्क रहने का भी अपील की गई।
मुजफ्फरपुर से मनोज कुमार की रिपोर्ट