नगर निकायों के अधिकारों को छिन रही है राज्य सरकार, हाईकोर्ट ने अधिनियम में संशोधन पर सरकार से मांगा जवाब

PATNA : पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार द्वारा नगरपालिका अधिनियम(संशोधित)2021 के सेक्शन 36 और 38 में किए गए संशोधन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को चार सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है। 

बता दें कि बिहार लोकल बॉडीज  एम्पलॉइज फ़ेडरेशन,पटना की याचिका में राज्य सरकार द्वारा नगरपालिका के अधिकारियों,कर्मचारियाें आदि की नियुक्ति, पदस्थापन और तबादले अधिकार अपने हाथों में लिए जाने को चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सिद्धार्थ प्रसाद ने कोर्ट को बताया कि राज्य के स्थानीय स्वायत निकायों को संविधान से अधिकार मिले हैं। लेकिन धीरे धीरे राज्य सरकार इनके सारे अधिकार छीनते जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रावधानों के तहत नगरपालिका को अधिकारियों, कर्मचारियों की नियुक्ति,पदस्थापन और स्थानांतरण करने का अधिकार है। लेकिन राज्य सरकार ने नगरपालिका अधिनियम के सेक्शन 36 और 38 में संशोधन कर ये सारे अधिकार स्वयं ले लिया। उन्होंने कोर्ट को बताया कि इसके बाद पूरे राज्य के स्थानीय स्वायत शासन निकायों के कर्मचारियों का बड़े पैमाने पर स्थानांतरण किए गए।

30 जून,2021के आदेश पर राज्य सरकार ने 5 जुलाई 2021को अगले आदेश तक रोक लगा दिया। अधिवक्ता सिद्धार्थ ने कोर्ट को बताया कि इस आदेश को कोर्ट में चुनौती देने आशंका देखते हुए राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया।उन्होंने कहा कि स्थानीय स्वायत निकायों को संविधान से राज्य की तरह ही हर प्रकार के अधिकार प्राप्त है, लेकिन सरकार इन सभी अधिकार अपने हाथों में ले रही हैं।

प्रशासनिक,विधाई और वित्तीय अधिकार राज्य सरकार के हाथों में जाने से इन्हें हर बात के लिए सरकार पर निर्भर रहना पड़ता हैं। इस मामले पर फिर 4 सप्ताह बाद सुनवाई की जाएगी।