PATNA : जिले में जहरीली शराब पीने से अबतक 13 लोगों की मौत हो चुकी है। इस मामले को लेकर बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा की नालंदा में जहरीली शराब से मरने की घटना अत्यंत दु:खद है, लेकिन ऐसी त्रासदी से पूर्ण मद्यनिषेध का कोई संबंध नहीं है।
उन्होंने कहा की जिन राज्यों में शराबबंदी लागू नहीं है, वहां अक्सर बिहार से ज्यादा बड़ी घटनाएँ हुईं। पश्चिम बंगाल में 2011 में जहरीली शराब शराब पीने से 167, महाराष्ट्र में 2015 में 102 और 2019 में यूपी-उत्तराखंड में 108 लोगों की जान गई। इनमें से किसी राज्य में शराबबंदी लागू नहीं है।
सुशील कुमार मोदी ने कहा की वर्ष 2016 में जब जहरीली शराब पीने से गोपालगंज में 19 लोगों की मौत हुई थी, तब राज्य सरकार ने स्पीडी ट्रायल के जरिये पांच साल के भीतर 13 लोगों को दोषी सिद्ध कराया। इनमें से 9 को फांसी और 4 महिलाओं को उम्र कैद की सजा सुनायी गई। नालंदा और जहरीली शराब से मौत की सभी घटनाओं में स्पीडी ट्रायल का रास्ता अपना कर ही पीड़ितों को न्याय दिलाया जा सकता है।