NALANDA : वेतन विसंगति को दूर करने की मांग को लेकर पिछले 29 जून से आरबीएसके फार्मासिस्ट आरएनएम संघ के सदस्यों का अनिश्चितकालीन हड़ताल आज चौथ दिन भी जारी है।
हड़ताल का नेतृत्व कर रहे फार्मासिस्ट के अध्यक्ष अरविंद कुमार ने बताया कि आरबीएसके फार्मासिस्ट की बहाली 2015 में लिखित परीक्षा के माध्यम से हुई थी। इसमें फार्मासिस्ट के साथ आयुष डॉक्टर और एएनएम की बहाली एक ही विज्ञापन के माध्यम से हुई थी। बहाली के समय आयुष चिकित्सकों का मानदेय बीस हजार फार्मासिस्ट का बारह हजार और एएनएम का ग्यारह हजार पांच सौ था। पर वर्तमान में कोविड-19 के समय केवल आयुष चिकित्सकों का मानदेय बीस हजार से बढ़ाकर चौवालीस हजार कर दिया गया।
अरविंद कुमार ने कहा कि कोरोना संकट के दौरान फार्मासिस्ट और एनएनएम भी अपनी जान पर खेलकर काम किया, लेकिन फार्मासिस्ट और एएनएम के मानदेय पर कोई विचार नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि दो वर्षो से कई बार विभाग से वेतन विसंगति को दूर करने के लिए आग्रह किया गया। इसके लिए उच्च न्यायालय से भी एक आदेश पारित हुआ जिसमें हम सभी फार्मासिस्ट को सक्षम पदाधिकारी के पास अपने वेतन विसंगति के वात को रखने के लिए कहा गया। इसके आलोक में कई बार विभाग को ज्ञापन दिया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
उन्होंने कहा कि सरकार और विभाग के इस भेदभाव की नीति के कारण फार्मासिस्ट और मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं। जबतक उनकी मांगों पर विचार नहीं किया जाता है कि उनका यह हड़ताल जारी रहेगा।
बता दें इसके पूर्व अखिल भारतीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन के सदस्यों ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से लेकर सिविल सर्जन तक को पत्र लिखकर होम क्वारंटाइन पर चले गए थे। होम क्वारंटाइन में रहने के बाद भी इनकी मांगो को नहीं माना गया तो हड़ताल पर चले गए थे।