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केंद्र को सुप्रीम कोर्ट ने दिया झटका, भोपाल गैस कांड के पीड़ितों के लिए अतिरिक्त मुआवजा देने की मांग खारिज, इतने साल से चल रहा था केस

केंद्र को सुप्रीम कोर्ट ने दिया झटका, भोपाल गैस कांड के पीड़ितों के लिए अतिरिक्त मुआवजा देने की मांग खारिज, इतने साल से चल रहा था केस

NEW DELHI : भोपाल गैस कांड के पीड़ितों का मुआवजा बढ़ाने की केंद्र सरकार की क्यूरेटिव पिटीशन को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। इस याचिका में गैस पीड़ितों को यूनियन कार्बाइड से करीब 7,800 करोड़ का अतिरिक्त मुआवजा दिलाने की मांग की गई थी।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस अभय एस ओक, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस जेके माहेश्वरी की बेंच ने कहा कि केस दोबारा खोलने पर पीड़ितों की मुश्किलें बढ़ेंगी। सरकार ने 2010 में क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल की थी। जिस पर 12 जनवरी 2023 को SC ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। सरकार ने पक्ष रखते हुए कहा था- पीड़ितों को अधर में नहीं छोड़ सकते। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि मुआवजा काफी था। अगर सरकार को ज्यादा मुआवजा जरूरी लगता है तो खुद देना चाहिए था।

पीठ ने क्या कहा

पीठ ने कहा हम दो दशकों के बाद इस मुद्दे को उठाने के लिए कोई तर्क प्रस्तुत नहीं करने के लिए भारत सरकार से असंतुष्ट हैं, हमारा मानना है कि सुधारात्मक याचिकाओं पर विचार नहीं किया जा सकता है। इससे पहले जस्टिस संजीव खन्ना, अभय एस ओका, विक्रम नाथ और जे के महेश्वर की बेंच ने भी 12 जनवरी को केंद्र की उपचारात्मक याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

दो दशक बाद क्यों उठाया मुद्दा

वहीं जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा कि मामले को सुलझाने के दो दशक बाद भी केंद्र द्वारा इस मुद्दे को उठाने का कोई तर्क नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पीड़ितों के लिए आरबीआई के पास पड़े 50 करोड़ रुपये की राशि का इस्तेमाल यूनियन ऑफ इंडिया द्वारा पीड़ितों के लंबित दावों को पूरा करने के लिए किया जाएगा।

कंपनी ने कर दिया पैसे देने से इनकार

बता दें कि 1984 के भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों के लिए यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन (यूसीसी) की उत्तराधिकारी फर्मों से 7,400 करोड़ रुपये के अतिरिक्त मुआवजे की मांग को लेकर केंद्र द्वारा क्यूरेटिव पिटीशन दायर की गई थी। वहीं, यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि वो 1989 में हुए समझौते के अलावा भोपाल गैस पीड़ितों को एक भी पैसा नहीं देगा। उल्लेखनीय है कि भोपाल गैस त्रासदी में 3,000 से अधिक लोग मारे गए थे और 1.02 लाख प्रभावित हुए थे।

केंद्र ने 2010 में दाखिल की थी क्यूरेटिव पिटीशन
गैस कांड के बाद यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन ने पीड़ितों को 470 मिलियन डॉलर (715 करोड़ रुपए) का मुआवजा दिया था, लेकिन पीड़ितों ने ज्‍यादा मुआवजे की मांग करते हुए कोर्ट में अपील की। केंद्र ने 1984 की गैस कांड पीड़ितों को डाउ केमिकल्स से 7,844 करोड़ रुपए का अतिरिक्त मुआवजा मांगा है। इसके लिए दिसंबर 2010 में सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल की गई थी।


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