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चुनाव से पहले ही पलट दी बाजी! नारों से नरेटिव गढ़कर लोगों के जुबान पर रंग चढ़ाने में माहिर है नई बीजेपी ? "फिर से मोदी सरकार" से लेकर "अबकी बार 400 पार"...

चुनाव से पहले ही पलट दी बाजी! नारों से नरेटिव गढ़कर लोगों के जुबान पर रंग चढ़ाने में माहिर है नई बीजेपी ? "फिर से मोदी सरकार" से लेकर "अबकी बार 400 पार"...

पटना- व्यवस्था अपने को चुनौती देने वालों को सबक सिखाने की कोशिश तो करती है, वह विरोधियों पर गाज गिराने से बाज नहीं आती और वहीं भारत में व्यवस्था को बदलने के लिए जुमले और नारों का इस्तेमाल का पुराना इतिहास रहा है. नारे के जरिए दिया गया संदेश सीधे लोगों के दिलोदिमाग तक उतर जाता है और उत्साह का संचार होता है.  माना जाता है कि नारा किसी भी  चुनाव को सफल सिद्द करने वाले मंत्र होते है. 1957 में जनसंघ ने नारा दिया था, 'वाह रे नेहरू तेरी मौज, घर में हमला बाहर फौज'. 

जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान.

भाजपा1996 में अटल बिहारी वाजपेयी की भ्रष्टाचार मुक्त छवि को लेकर बनाए गए नारों के साथ सत्ता में आई थी. चुनाव के दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं का  नारा था, "सबको देखा बारी-बारी, अबकी बार अटल बिहारी. 1996 में लखनऊ की एक चुनावी रैली में बीजेपी के नारे से बीजेपी पहली बार 13 दिनों के शासन के लिए सत्ता में आई, वाजपेयी की भ्रष्टाचार मुक्त छवि ने उन्हें एक आदर्श पीएम उम्मीदवार बनाया तो नारा था- जंचा, परखा, खारा...पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 1998 में परमाणु परीक्षण के बाद इस नारे को थोड़ा बदला. उन्होंने विज्ञान और तकनीक के बढ़ते महत्व को रेखांकित करते हुए कहा-जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान.

अच्छे दिन का वादा

मोदी सरकार' का नारा देकर अच्छे दिन का वादा किया और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ऐतिहासिक जीत दर्ज की. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नारा दिया -सबका साथ सबका विकास. एक नारा जिसने पूरी सत्ता पलटने में अहम भूमिका निभाई थी और यह नारा था-  अच्छे दिन आने वाले हैं, जिसे 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी ने नारा दिया था. 

'न गुंडाराज न भ्रष्टाचार, अबकी बार भाजपा सरकार'

तो साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का नारा था, 'एक बार फिर मोदी सरकार'.  वहीं, भाजपा ने नारा दिया था 'न गुंडाराज न भ्रष्टाचार, अबकी बार भाजपा सरकार'.2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी 282 सीटें जीती थी, जबकि एनडीए का आंकड़ा 336 का था.  2019 के चुनाव में बीजेपी को 303 सीटें मिली थीं, तो एनडीए गठबंधन का आंकड़ा 350 पार था. पीएम मोदी ने 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी के लिए 370 सीट और एनडीए के लिए 400 पार सीटों का लक्ष्य रखा है.

'अब की बार 400 पार'

2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा  हैट्रिक लगाने के लिए जोर लगाई है. पीएम  मोदी के नेतृत्व में पार्टी लगातार तीसरी बार केंद्र की सत्ता पर काबिज होने की जबरदस्त कवायद में जुटी है. इसके लिए भाजपा  ने 'अब की बार 400 पार' का नारा दिया है. इसके साथ ही पार्टी 'मोदी की गारंटी' का भी जोर-शोर से प्रचार कर रही है.बीजेपी की कोशिश 2024 के चुनाव में अपने वोट फीसदी को बढ़ाने की है. 2019 में बीजेपी को 37 फीसदी वोट मिले थे, जिसके चलते 303 सीटें उसे मिली थीं. बीजेपी 2024 के चुनाव में अपने वोट परसेंट को बढ़ाकर 47 फीसदी तक ले जाने में सफल हो जाती है तो फिर उसका आंकड़ा 370 सीट तक पहुंच सकता और एनडीए 400 पार हो सकती है.

मोदी गारंटी

आकर्षक नारों का इस्तेमाल करना जनसंघ के समय से होता रहा है. भाजपा 2024 के चुनावी अभियान में 'मोदी की गारंटी' पर खास केंद्रीत कर रही है. पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'मोदी की गारंटी' का मतलब गारंटी को पूरा करने की गारंटी है, जो इस प्रचार  का केंद्र बिंदु भी बन गया है. राम मंदिर उद्घाटन जैसे प्रमुख वादों को निभागने का भी भाजपा जोर शोर से प्रचार करही है. 'अबकी बार 400 पार' के नारों का लोकसभा चुनाव 2024 में क्या असर होता है इसका पता तो 4 जून को हीं पता चल पाएगा लेकिन साल 2014 अच्छे दिन आने वाले हैं का नार और साल 2019 के चुनाव में 'एक बार फिर मोदी सरकार'  असर पड़ा था , इससे इंकार नहीं किया जा सकता है.  बहरहाल लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बिहार के साथ देश में भाजपा का दो नारा खूब चल रहा है -अबकी बार चार सौ पार और "फिर से मोदी सरकार"... 


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