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सीतामढ़ी में माता सीता की सबसे ऊंची मूर्ति का होगा निर्माण, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी भी रह जाएगा पीछे

सीतामढ़ी में माता सीता की सबसे ऊंची मूर्ति का होगा निर्माण, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी भी रह जाएगा पीछे

SITAMADHI : हाल के सालों में भारत में सबसे ऊंची प्रतिमाओं का निर्माण लगातार किया जा रहा है। कुछ दिन पहले ही स्वामी रामानुजाचार्य की विशाल प्रतिमा का अनावरण किया गया था, जिसे स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी नाम दिया गया था। अब इस कड़ी में बिहार का नाम भी जुड़ने जा रहा है। यहां सीतामढ़ी में माता सीता की प्रतिमा बनाने की तैयारी की जा रही है। बताया जा रहा है कि यह प्रतिमा दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी। जो सरदार पटेल की प्रतिमा से भी बड़ी होगी। 

जानकारी के अनुसार रामायण रिसर्च काउंसिल की ओर से सीतामढ़ी में माता सीता की विश्व की सबसे बड़ी प्रतिमा का निर्माण कराया जायेगा। इसके लिए श्री भगवती सीता तीर्थ क्षेत्र समिति का गठन किया गया है। इसका अध्यक्ष स्थानीय सांसद सुनील कुमार पिंटू को बनाया गया है।  निर्माण को लेकर नगर के राजोपट्‌टी स्थित परिसदन में आयोजित प्रेसवार्ता में काउंसिल के नेशनल को-ऑर्डिनेटर सह जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर हिमालय योगी वीरेन्द्रानंद जी महाराज ने दी। उन्होंने कहा कि यह विशाल प्रतिमा भारत के सांस्कृतिक मूल्यों को संवर्धित करेगी। कहा कि माता सीता धैर्य और साहस की सबसे बड़ी उदाहरण है। काउंसिल के मुख्य मार्गदर्शक श्रीमहंथ परमहंस स्वामी सांदीपेन्द्र जी महाराज के सौजन्य के साथ ही केन्द्र एवं राज्य सरकार की मदद और जनसहयोग से इस कार्य को पूरा किया जायेगा। 

चार सौ करोड़ की आएगी लागत

जहां सरदार पटेल की प्रतिमा पर 28 सौ करोड़ की खर्च आया था, वहीं माता सीता की प्रतिमा की लागत चार सौ करोड़ रुपये के आसपास होने की बात कही गई है। समिति की मानें तो यह विशाल प्रतिमा अष्टधातु की होगी। इस दौरान श्री भगवती सीता तीर्थ क्षेत्र समिति के नवनियुक्त अध्यक्ष सह स्थानीय सांसद सुनील कुमार पिंटू ने मां सीता डॉट कॉम वेबसाइट का शुभारंभ किया।

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से 69 मीटर अधिक

काउंसिल के संस्थापक सह महासचिव कुमार सुशांत ने बताया कि माता सीता की यह प्रतिमा 251 मीटर ऊंची होगी। जो कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के 182 मीटर की ऊंचाई से 69 मीटर अधिक है। प्रतिमा के निर्माण को लेकर समिति ने तैयारी शुरू कर दी है।

दूसरे राज्यों के भी होंगे प्रतिनिधि

काउंसिल के सचिव पीतांबर मिश्रा ने बताया कि इस श्री भगवती सीता तीर्थ क्षेत्र समिति में कुल 21 सदस्य होंगे। बाद में इसका विस्तार 108 सदस्यों तक किया जा सकेगा। समिति में देश के हर प्रदेश से एक सदस्य को शामिल किया जायेगा। विश्व के ऐसे देश, जहां अधिकांश सनातन धर्म के लोग हैं, उन देशों से भी एक-एक प्रतिनिधि सदस्य को रखा जायेगा। समिति के अध्यक्ष कार्य प्रगति से राज्य एवं केन्द्र को अवगत करायेंगे।

दस एकड़ में होगा परिसर

वहीं सांसद सह श्री भगवती सीता तीर्थ क्षेत्र समिति के नवनियुक्त अध्यक्ष सुनील कुमार पिंटू ने कहा कि इसके लिए दस एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी। जिले में इसके चयन के लिए पहल शुरु कर दी गयी है। इस क्रम में कुछ मठ-मंदिर के महंथों से बातचीत भी हुई है। यह स्थल जिले में कही भी हो सकता है।

म्यूजियम, अध्ययन केंद्र भी होगा स्थापित

मुख्य विशाल व भव्य प्रतिमा के चारों ओर वृत्ताकार रुप में भगवती सीता की 108 प्रतिमाएं स्थापित की जायेगी। इन प्रतिमाओं के दर्शन के लिए इस स्थल को नौका-विहार की तरह विकसित किया जायेगा। यहां एक डिजिटल म्यूजियम, शाेध संस्थान तथा अध्ययन केन्द्र का निर्माण भी कराया जायेगा।



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