PATNA : पटना हाईकोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में नाबालिग से रेप व हत्या के तीन दोषियों को फांसी की सजा से मुक्त करते हुए तुरंत जेल से रिहा करने का आदेश दिया है।जस्टिस अश्वनी कुमार सिंह की खंडपीठ ने भोजपुर कोर्ट के फैसले को रद्द करते हुए यह आदेश दिया। कोर्ट ने कहा अभियोजन पक्ष ने सही तरीके से साक्ष्य नहीं जुटाए
तीनों पर एक नाबालिग लड़की को अगवा कर रेप करने और फिर हत्या करने का आरोप था। भोजपुर पुलिस ने थाना मैं FIR दर्ज कर जांच की। जिसके आधार पर निचली अदालत ने सितम्बर 2019 को तीनों को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई थी। निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते छोटू कुमार और अन्य दो हाई कोर्ट में अपील दायर की थी।
हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन साक्ष्य जुटाने में पूरी तरह फेल रहा।जिन गवाहों की गवाही के आधार पर निचली अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है ,उसमें किसी ने भी घटना की पुष्टि नहीं की है। ट्रायल कोर्ट का फैसला भी साक्ष्य पर आधारित नहीं है, इसलिए इसे रद्द किया जाता है।
बहरहाल, जिस तरह से हाईकोर्ट ने साक्ष्यों के अभाव में तीनों आरोपियों को जरुर बरी कर दिया। लेकिन इस केस में पीड़ित नाबालिक बच्ची को क्या मिला। पुलिस की सही तरह से काम नहीं करने का खामियाजा पीड़िता को उठाना पड़ा।