लखनऊ. उत्तर प्रदेश में सत्ता हासिल करने के लिए चुनावी समर में उतरी समाजवादी पार्टी को फ़िलहाल पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के घर में मची भगदड़ को सँभालने की चुनौती है. भाजपा ने विधानसभा चुनाव के पहले चरण के पूर्व ही मुलायम परिवार की बगावत को जगजाहिर कर दिया है. पहले मुलायम की बहू अपर्णा यादव और फिर गुरुवार को मुलायम के साढ़ू पूर्व विधायक प्रमोद गुप्ता भाजपा में शामिल हो गए.
समाजवादी पार्टी के औरैया के बिधूना से 2012 में विधायक रहे प्रमोद कुमार गुप्ता ने अखिलेश यादव पर बेहद गंभीर आरोप लगाया है. उनका कहना है कि अखिलेश ने मुलायम सिंह को न सिर्फ बंधक बनाकर रखा है बल्कि समाजवादी पार्टी को गुंडों का जमावड़ा बना दिया है. अखिलेश को चाटुकारों से घिरा नेता बताते हुए उन्होंने कहा कि वे किसी की बात नहीं सुनते. यहाँ तक की मुलायम को भी अखिलेश ने खूब रुलाया है. गुप्ता ने दावा किया कि अगर भाजपा कहे तो सपा के 20 विधायक उनके साथ आने को तैयार हैं.
अपर्णा और प्रमोद के भाजपा में शामिल होने से सत्ताधारी दल ने बड़ा मनोवैज्ञानिक जीत हासिल किया है. खासकर कुछ दिन पहले जिस तरह से योगी मंत्रिमंडल के दो मंत्रियों सहित 8 विधायकों ने समाजवादी पार्टी का दामन थामा था वह भाजपा के लिए बड़ा झटका था. योगी सरकार पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कई गंभीर आरोप भी लगाए थे. लेकिन अब योगी आदित्यनाथ ने सपा के खिलाफ मनोवैज्ञानिक जीत हासिल करने की दिशा में अपर्णा और प्रमोद को अपने पाले में लाकर अखिलेश को बड़ा झटका दिया है.
राजनीतिक जानकर भी मानते हैं कि भले अपर्णा और प्रमोद का बड़ा राजनीतिक जनाधार न हो लेकिन दोनों के मुलायम-अखिलेश परिवार का होने के कारण यह भाजपा के प्रति नेताओं में भरोसा होने का बड़ा प्रतीक है. इससे जनता में यह सन्देश भी जाएगा कि अखिलेश यादव के खिलाफ उनके परिवार के लोग ही मुखर हैं.