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दो साल से विदेश में अस्पताल में भर्ती पति के वतन वापसी के लिए महिला लगा रही गुहार, नहीं मिल रहा कोई सहारा

दो साल से विदेश में अस्पताल में भर्ती पति के वतन वापसी के लिए महिला लगा रही गुहार, नहीं मिल रहा कोई सहारा

 सांसद से लेकर सरकार के पास गुहार लगाते लगते थक चुका परिवार

MOTIHARI :  रोजगार के लिए विदेश गए पति के वतन वापसी के लिए पत्नी सहित बच्चे सरकार से गुहार लगा रहे है .मोतिहारी सांसद सहित कई राजनेता से मदद की गुहार लगा चुकी है। लेकिन इसका कोई लाभ नही मिला, अब अपनी किस्मत पर पूरे परिवार को कोस रहा है।

मामलाअरेराज अनुमंडल के संग्रामपुर थाना क्षेत्र के दक्षणी मधुबनी पंचायत के  नंदपुर वार्ड 07 से जुड़ा है, जहां रहनेवाली नजमा खातून छोटे छोटे बच्चे को लेकर पति के वतन वापसी की गुहार लगा रही है। उसके पति हिदायतुल्लाह नवम्बर 2020 में  सऊदिया में फिटर के काम के लिए एक कंपनी में गए थे। अल असास यूनाइटेड कम्पनी लिमिटेड रियाद में आरसीसी फिटर का कार्य करते थे। कंपनी का कार्य करते हुए लगभग दो वर्ष पहले दुर्घटना हो गया। जिसके बाद कंपनी द्वारा किंग खालिद अस्पताल सऊदिया में भर्ती कराया गया। उस समय उनके साथी के माध्यम से कंपनी से बातचीत होती रही। लेकिन कुछ दिन तक कम्पनी ने इलाज भी करवाया। लेकिन फिर कंपनी ने कुछ दिनों बाद इलाज का खर्च देना बंद कर दिया।  उनके साथियों से बात करने पर पता चला कि वह कोमा में है। कंपनी अब न बात कर रहा नही इलाज ही करवा रहा है।

वहीं दूसरी तरफ परिवार की माली स्थिति इतनी खराब है कि वहा इलाज में कोई मदद भी नही किया जा सकता।17 अगस्त को स्थानीय सांसद राधामोहन सिंह से मिलकर पति के वतन वापसी में मदद की गुहार लगायी। स्थानीय सांसद द्वारा अस्वासन तो दिया गया, लेकिन इसको लेकर कोई सार्थक कोशिश नहीं की गई।  अब नायमा खातून दो पुत्र व पुत्री को लेकर पति के वतन वापसी के लिए दर दर भटक रही है .एक तो पति के वतन वापसी की चिंता सता रही है तो दूसरी तरह चार बच्चों के भरण पोषण की चिंता से रातभर जग कर ऊपर वाले से गुहार लगा रही है।

दो साल से पति से नहीं हुई बात

नायमा खातून ने बताया कि नवम्बर 2020 में महाजन से कर्ज लेकर विदेश कमाने जाने के लिए बीजा पासपोर्ट बनाकर सऊदिया गए। बेटी की शादी की सपना सजोयकर विदेश नौकरी करने के लिए गए। जाने के मात्र दो माह बाद ही कंपनी के कार्य से जाने के दौरान कम्पनी की गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया। जिसमें वह दुर्घटना ग्रस्त हो गए। उसके बाद से आजतक उनसे बात नही हुई। पूर्व में कुछ मित्रों द्वारा हाल समाचार दिया जाता था। लेकिन कंपनी के मना करने पर अब मित्र भी फोन नही उठाते हैं।

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