PATNA: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता दरबार में फरियादियों की शिकायत सुन रहे। मुजफ्फरपुर से आई एक महिला ने मुख्यमंत्री से कहा कि हमारे पति की मृत्यु कोरोना से हो गई। इसके बाद भी उन्हें सरकारी सहायता नहीं मिली। इसके बाद सीएम नीतीश ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को फोन लगाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इनके पति की मृत्यु कोरोना से हो गई। इनका कहना है कि इन्हें सरकारी सहायता राशि नहीं मिली है। इसके देखिए। पश्चिम चंपारण से आये एक युवक ने सीएम नीतीश के जनता दरबार की पोल खोल दी। कहा कि पिता की कोरोना से मृत्यु पर मुआवजा को लेकर दूसरी दफे आपके पास आये हैं. अब तक सरकारी सहायता नहीं मिली।
फरियादी की शिकायत सुन सीएम नीतीश ने स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को फोन लगाया। सीएम नीतीश ने कहा कि पश्चिम चंपारण से आया है सत्य कुमार पांडेय. इसके पिता की मृत्यु कोविड से हुई थी। अप्रैल में यह आया था जनता दरबार में. उस समय हो गया था कि मिल जायेगी सहाता राशि. अब तक नहीं मिला है। क्यों नहीं क्लियर किया है. हर बार तो आ ही रहा न यह आदमी. जो आ गया है जनता दरबार में उसको कर न दीजिए. यह दूसरी बार आ रहा है जनता दरबार में. इसको देख लीजिए। इसके बाद आपदा प्रबंधन के सचिव को सीएम नीतीश ने फोन लगाया। कहा कि अब तक 4-5 आ गया, कोरोना से मृत्यु वाला। आप जाइए..प्रत्यय जी आपसे बात करेंगे. जा कर देखिए।
वहीं मुजफ्फरपुर की ही एक दूसरी महिला ने मुख्यमंत्री से शिकायत की। महिला ने कहा कि एक अनुदानित कॉलेज है. कॉलेज के सचिव ही स्कूल की जमीन का कब्जा कर रहे हैं. इस पर सीएम नीतीश ने शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को फोन लगाया और कहा कि इसे देखिए। भागलपुर से आये एक युवक ने सीएम नीतीश से कहा कि 2016 में हमने मैट्रिक की परीक्षा दी। लापरवाही से उसका रिजल्ट फंस गया। कभी प्रथम श्रेणी से पास किया गया फिर सेकेंड, फिर फर्स्ट. तरह-तरह से पास कराया गया। अंत में मैं फर्स्ट डिवीजन से पास हुआ। इसके बाद भी हमें पैसा नहीं दिया गया। इसके बाद सीएम नीतीश ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को फोन लगाकर कहा कि इसे देखिए।