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लोकसभा चुनाव 2024 में मतदाताओं में नहीं दिख रहा उत्साह, पहले चरण की 102 सीटों पर मात्र 63.2 प्रतिशत लोगों ने दिया वोट, जानें 2019 में क्या थे आंकड़े

लोकसभा चुनाव 2024 में मतदाताओं में नहीं दिख रहा उत्साह, पहले चरण की 102 सीटों पर मात्र 63.2 प्रतिशत लोगों ने दिया वोट, जानें 2019 में क्या थे आंकड़े

PATNA: बिहार सहित 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की कुल 102 सीटों पर पहले चरण की वोटिंग प्रकिया समाप्त हो चुकी है। इन सीटों पर मात्र 63.2 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया है। वहीं पिछली बार(लोकसभा चुनाव 2019) की बात करें तो पिछली बार इन्हीं सीटों पर पहले चरण के मतदान में 70.9 प्रतिशत लोगों ने मतदान किया था। यानी साल 2019 से इस साल की वोटिंग 7.7 प्रतिशत कम हुई है। यह अंतर बहुत बड़ा माना जा रहा है। और इसकी सबसे बड़ी वजह है कि वोटर्स में इस बार चुनाव को लेकर उत्साह नहीं है। मतदाता मतदान को लेकर पहले की तरह उत्साहित नहीं हैं और वह मतदान करने नहीं पहुंच रहे हैं। आंकड़ों को देखे तो 16 लाख 64 करोड़ लोगों में से लगभग 6.12 करोड़ लोगों ने अपना वोट नहीं डाला है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो ऐसा पहली बार हुआ है जब वोटिंग परसेंटेज पिछली बार से कम है। इस बार किसी भी बड़े राज्य में पिछली बार से ज्यादा वोटिंग नहीं हुई है। 

वोटिंग के प्रतिशत गिरे

सबसे ज्यादा वोटिंग पश्चिम बंगाल में हुई है। जहां 77.5 प्रतिशत। दूसरे नंबर पर त्रिपुरा जहां 76.10%, असम में 71. 5 प्रतिशत, जम्मू काश्मीर में 65 प्रतिशत, 63.5 प्रतिशत मध्यप्रदेश में, 63.3 प्रतिशत तमिलनाडु में, 53.7 प्रतिशत उत्तराखंड में, 57.9 प्रतिशत उत्तरप्रदेश में और बिहार में सबसे कम 47.7 प्रतिशत वोटिंग हुई है। बिहार में सबसे कम वोटिंग हुई है। वहीं बिहार की नवादा सीट पर सबसे कम 43.79% लोगों ने वोटिंग की है। बीजेपी को जिन राज्यों में सबसे ज्यादा उम्मीद थी उन सीटों पर 30 से 40 प्रतिशत मतदाता मतदान नहीं दिए हैं। पहले चरण में उत्तर प्रदेश की आठ सीटों में पर मतदान हुआ। सहारनपुर सीट पर सबसे ज्यादा 65.95% और रामपुर सीट पर सबसे कम 54.77% वोटिंग हुई है। 2019 में इन सीटों में से सहारनपुर में सबसे ज्यादा 70.87% और में सबसे कम रामपुर लोकसभा सीट पर 63.19% वोटिंग हुई थी। पिछले चुनाव में इन आठ सीटों में तीन पर भाजपा और बसपा और दो पर सपा को जीत मिली थी।

मतदाताओं में नहीं दिख रहा उत्साह 

वहीं उत्तराखंड पहले चरण में उत्तराखंड की सभी पांच सीटों पर मतदान हुआ। हरिद्वार सीट पर सबसे ज्यादा 62.36% और अल्मोड़ा सीट पर सबसे कम 46.94% वोटिंग हुई है। 2019 में इन सीटों में से हरिद्वार में सबसे ज्यादा 69.18% और अल्मोड़ा में सबसे कम अल्मोड़ा 52.31% वोटिंग हुई थी। पिछले चुनाव में सभी पांच सीटों पर भाजपा को जीत मिली थी। वहीं मध्य प्रदेश में पहले चरण में जिन 102 सीटों पर मतदान हुआ, उनमें मध्य प्रदेश की छह सीटें शामिल हैं। शाम पांच बजे तक छिंदवाड़ा सीट पर सबसे ज्यादा 79.18% और सीधी सीट पर सबसे कम 55.19% वोटिंग हुई है। 2019 में इन सीटों में से छिंदवाड़ा में सबसे ज्यादा  82.42% और जबलपुर में सबसे कम 69.46% वोटिंग हुई थी। पिछले चुनाव में इनमें से पांच सीटें भाजपा और एक सीट कांग्रेस के खाते में गई थी।

2019 के चुनाव के मुकाबले काफी कम हैं आंकड़े

राजस्थान पहले चरण में जिन 102 सीटों पर मतदान हुआ है, उनमें राजस्थान की 12 सीटें शामिल हैं। गंगानगर सीट पर सबसे ज्यादा 65.64% और करौली-धौलपुर सीट पर सबसे कम 49.29% वोटिंग हुई है। 2019 में इन सीटों में से गंगानगर में सबसे ज्यादा 74.77% और करौली-धौलपुर में सबसे कम 55.18% वोटिंग हुई थी। पिछले चुनाव में इन 12 सीटों में से 11 सीटों पर भाजपा और एक सीट पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी जीती थी। 2019 में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनिवाल भाजपा के समर्थन से मैदान में उतरे और जीते थे। इस बार बेनिवाल को कांग्रेस का समर्थन है। बिहार पहले चरण में जिन 102 सीटों पर वोटिंग हुई, उनमें बिहार की चार सीटें शामिल हैं। औरंगाबाद सीट पर सबसे ज्यादा 51.56% और नबादा सीट पर सबसे कम 43.79% वोटिंग हुई है। 2019 में इन सीटों में से गया में सबसे ज्यादा 56.18% और नबादा में सबसे कम 49.73% वोटिंग हुई थी। पिछले चुनाव में इनमें से दो सीट पर लोजपा और एक-एक सीट पर भाजपा और जदयू ने जीत दर्ज की थी।

नहीं दिख रही कहीं कोई लहर 

गौरतलब हो कि, इस बार की वोटिंग को अहम माना जा रहा है। अगर इस चुनाव में बीजेपी जीत हासिल कर लेती है तो पीएम मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे। 2014 और 2019 के चुनाव की तुलना में इस चुनाव को उदासीन और उत्साह हीन चुनाव बताया जा रहा है। 2014 में देश बदलाव चाहता था तो इस वर्ष वोटिंग में अत्यधिक उत्साह देखा गया तो वहीं 2019 में पीएम मोदी देश के लिए उम्मीद बनकर सामने आए थे। लेकिन अगर इस बार की बात करें तो इस बार मतदाताओं में उस हद तक जोश देखने को नहीं मिल रहा है। लोग मतदान के लिए घरों से बाहर नहीं जा रहे हैं। हर राज्य में पिछले चुनाव से कम ही मतदान हो रही है। अब देखना होगा की आने वाले चरणों में मतदाताओं में चुनाव को लेकर उत्साह देखता है या फिर पहले चरण की मतदान के तरह ही इस बार हर चरण में मतदाताओं की संख्या कम होती जा रही है। 

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