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बिहार में शराबबंदी कानून पर हो सकता है बड़ा फैसला : नीतीश सरकार करेगी संशोधन, अब पीने वालों को नहीं होगी जेल!

बिहार में शराबबंदी कानून पर हो सकता है बड़ा फैसला : नीतीश सरकार करेगी संशोधन, अब पीने वालों को नहीं होगी जेल!

पटना. कुछ महीने पहले गोपालगंज, बेतिया, मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर में जहरीली शराब से हुई बड़ी संख्या में लोगों की मौत के बाद सीएम नीतीश ने समीक्षा बैठक की थी और इसमें पुलिस अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये थे. इसके बाद भी जहरीली शराब से मौत की घटना रूकी नहीं है. पिछले तीन दिनों में सीएम नीतीश के ही गृह जिले नालंदा में 12 लोगों की मौत हो चुकी है. इससे नीतीश सरकार शराबबंदी पर घरती दिख रही है. वहीं शराबबंदी कानून की समीक्ष को लेकर सत्ताधारी दल में लगातार तकरार देखी जा रही है. कानून पर सत्ताधारी दल भाजाप और हम पार्टी भी सवाल उठा रही है. इस बीच न्यायालय में मद्य निषेध से जुड़े लंबित आवेदनों की बढ़ती संख्या को देखते हुए राज्य सरकार शराबबंदी कानून में संशोधन कर सकती है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नए संशोधन में शराब पीने के अपराध में पकड़े गए अभियुक्तों को थोड़ी राहत दी जा सकती है. शराब पीने के जुर्म में जेल भेजने के बजाय मजिस्ट्रेट के समक्ष तय जुर्माना भरकर छोड़े जाने का प्रविधान किया जा सकता है. जुर्माना न भरने की स्थिति में ही जेल भेजा जाएगा.

शराब बनाने और बेचने वालों पर सख्त कार्रवाई

हालांकि शराब बनाने और बेचने वालों पर पहले की तरह ही सख्त कार्रवाई होगी. इस संशोधन प्रस्ताव पर विभागीय मंत्री और अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. चर्चा है कि बजट सत्र में शराबबंदी कानून में संशोधन का प्रस्ताव सदन में लाया जा सकता है.

  •  कोर्ट का दबाव कम करने के लिए विभाग ने बनाया संशोधन प्रस्ताव
  • बजट सत्र में हो सकता है पेश, थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद
  • -शराब बनाने और बेचने वालों पर पहले की तरह ही होगी सख्ती

बड़े शराब माफिया पर कसेगा शिकंजा

नई व्यवस्था का उद्देश्य कोर्ट में लंबित मामले को कम करने के साथ बड़े शराब माफिया और तस्करों को जल्द से जल्द सजा दिलाना भी है. सूत्रों के अनुसार, अभी 30-40 फीसद कांड शराब पीने वालों के खिलाफ हैं. इनके कारण शराब तस्करी से जुड़े बड़े मामलों की सुनवाई भी प्रभावित हो रही. संशोधन के बाद न्यायालयों में लंबित आवेदनों का दबाव कम होगा तो बड़े शराब माफिया और तस्करों के मामलों की सुनवाई जल्द पूरी हो सकेगी. उनका ट्रायल जल्द पूरा कराकर सजा दिलाने की दर भी बढ़ाई जाएगी.

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