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तीनों कृषि कानून के वापसी की घोषणा पर ट्विटर पर आई ट्विट की बाढ़, जानिए किसने क्या कहा

तीनों कृषि कानून के वापसी की घोषणा पर ट्विटर पर आई ट्विट की बाढ़, जानिए किसने क्या कहा

PATNA : गुरू पर्व के अवसर किसान आंदोलन के एक साल पूरा होने से एक सप्ताह पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से आज सुबह अपने संबोधन में तीन कृषि कानून को वापस लेने की घोषणा की, उसके बाद देश भर से उन्हें बधाई दी जा रही है। वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री के इस घोषणा के बाद विपक्ष की तरफ से इसे किसानों के आगे सरकार की हार बताया गया है। मामले में बिहार के नेता प्रतिपक्ष सहित सांसद मनोज झा, पप्पू यादव सहित कई नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। 

अन्याय की खिलाफ जीत

पीएम मोदी की घोषणा पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सर झुका दिया, अन्याय के खिलाफ ये जीत मुबारक हो, जय हिंद, जय हिंद का किसान



तेजस्वी ने कहा - पूंजीपतियों की हार

तीनों कृषि कानून वापस लेने की घोषणा के बाद बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी याद किसान की जीत बताया है,  उन्होंने कहा कि यह देश की जीत  है, जिसमें पूँजीपतियों,उनके रखवालों और सरकार की हार हुई है तेजस्वी ने लिखा है कि एकता में शक्ति है। यह सबों की सामूहिक जीत है। बेरोजगारी,महंगाई,निजीकरण के ख़िलाफ हमारी जंग जारी रहेगी। उपचुनाव हारे तो उन्होंने पेट्रोल-डीज़ल पर दिखावटी ही सही लेकिन थोड़ा सा टैक्स कम किया। UP,उत्तराखंड,पंजाब की हार के डर से तीनों काले कृषि क़ानून वापस लेने पड़ रहे है। 


अगली बार सोच समझ कर कुछ करें

वहीं राज्य सभा सांसद मनोज कुमार झा ने कहा कि  'हठधर्मिता और अहंकार से संसद को बुल्डोज कर सकते हैं लेकिन जनआंदोलन का उभार आपसे फैसले पलटवा देता है।मदान्ध सत्ता प्रतिष्ठान के लिए एक ज़रूरी सबक है, सिर्फ आजके फैसले से बात नही बनेगी।लोकतांत्रिक संवाद की रवायत बहाल कीजिए हर संदर्भ में। जय जवान जय किसान जय हिंद'

पीएम की बातों पर भरोसा नहीं, पहले संसद से कानून वापस लें

वहीं किसान आंदोलन की अगुुवाई कर रहे राकेश टिकैत ने कहा कि  उनका आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा । सरकार MSP के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें

किसानों के अदम्य संघर्ष की जीत

किसानों के अदम्य संघर्ष की जोरदार जीत मुंह के बल गिरी अडानी-अंबानी की सरकार! लेकिन सचेत रहें,झूठे जुमलेबाजों की सरकार से! संसद से काले कृषि कानून रद्द करवाएं! 



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