बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

सांसदों की बदजुबानी पर लगेगी लगाम, अब नहीं बोल पाएंगे ‘शकुनि, जयचंद या कमीना दलाल’ जैसे दर्जनों शब्द

सांसदों की बदजुबानी पर लगेगी लगाम, अब नहीं बोल पाएंगे ‘शकुनि, जयचंद या कमीना दलाल’ जैसे दर्जनों शब्द

DESK. संसद में कई बार सांसदों की ओर से आरोप-प्रत्यारोप लगाने के दौरान कई ऐसे शब्द प्रयोग में लाए जाते हैं सार्वजनिक रूप से असंसदीय और अमर्यादित लगते हैं. अब ऐसे आपत्तिजनक शब्दों पर रोक लगाने के लिए लोकसभा सचिवालय ने असंसदीय शब्द 2021 शीर्षक के तहत ऐसे शब्दों और वाक्यों की लिस्ट तैयार की है, जिन्हें ‘असंसदीय अभिव्यक्ति’ की श्रेणी में रखा गया है.

नई गाइडलाइंस में जुमलाजीवी, कोयला चोर, दलाल, कोरोना स्प्रेडर, जयचंद, भ्रष्ट, दादागीरी जैसे आम इस्तेमाल के शब्द इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. इसी तरह बाल बुद्धि, स्नूपगेट के प्रयोग पर भी रोक रहेगी. यहां तक कि आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले शर्म, दुर्व्यवहार, विश्वासघात, ड्रामा, पाखंड और अक्षम जैसे शब्द अब लोकसभा और राज्यसभा में असंसदीय माने जाएंगे. इनके शब्दों के अलावा शकुनि, जयचंद, लॉलीपॉप, चांडाल चौकड़ी, गुल खिलाए, पिट्ठू जैसे आदि शब्दों का भी दोनों सदनों में इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा. लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी नई बुकलेट के अनुसार, ऐसे शब्दों के प्रयोग को अमर्यादित आचरण माना जाएगा और ये सदन की कार्यवाही का हिस्सा नहीं होंगे.

18 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र से ठीक पहले सदस्यों के इस्तेमाल के लिए जारी किए गए इस संकलन में ऐसे शब्दों या वाक्यों को शामिल किया गया है, जिन्हें लोकसभा, राज्यसभा और राज्यों के विधानमंडलों में वर्ष 2021 में असंसदीय घोषित किया गया था. इसके अनुसार, असंसदीय शब्द, वाक्य या अमर्यादित अभिव्यक्ति की श्रेणी में रखे गए शब्दों में कमीना, काला सत्र, दलाल, खून की खेती, दोहरा चरित्र, निकम्मा, नौटंकी, ढिंढोरा पीटना, बहरी सरकार, चिलम लेना, छोकरा, कोयला चोर, गोरू चोर, चरस पीते हैं, सांड, खालिस्तानी, विनाश पुरुष, तानाशाही, तानाशाह, अराजकतावादी, गद्दार, अपमान, गिरगिट, गूंस, घड़ियाली आंसू, असत्य, अहंकार, काला दिन, काला बाजारी, खरीद फरोख्त, दंगा, दलाल, दादागीरी, बेचारा, संवेदनहीन, सेक्सअल हरेसमेंट जैसे शब्द भी शामिल किए गए हैं.

अध्यक्ष व सभापति पीठ पर आरोप को लेकर भी कई वाक्यों को असंसदीय श्रेणी में रखा गया है. इसमें आप मेरा समय खराब कर रहे हैं, आप हम लोगों का गला घोंट दीजिए, चेयर को कमजोर कर दिया है और यह चेयर अपने सदस्यों का संरक्षण नहीं कर पा रही है, आदि शामिल हैं. अगर कोई सदस्य पीठ पर आक्षेप करते हुए यह कहता है कि जब आप इस तरह से चिल्ला कर वेल में जाते थे, उस वक्त को याद करूं या आज जब आप इस आसन पर बैठें हैं तो इस वक्त को याद करूं… तब ऐसी बातों को असंसदीय मानते हुए इन्हें रिकॉर्ड का हिस्सा नहीं माना जाएगा.

इस संकलन में अंग्रेजी के कुछ शब्दों एवं वाक्यों को भी शामिल किया गया है, जिनमें आई विल कर्स यू, बिटेन विद शू , बिट्रेड, ब्लडशेड, चिटेड, शेडिंग क्रोकोडाइल टियर्स, डंकी, गून्स, माफिया, रबिश, स्नेक चार्मर, टाउट, ट्रेटर, विच डाक्टर, डिसग्रेस, ड्रामा, आईवॉश, मिसलीड, लाई और अनट्रू आदि शमिल हैं. संसद के सदस्य कई बार सदन में ऐसे शब्दों, वाक्यों या अभिव्यक्ति का इस्तेमाल कर जाते हैं जिन्हें बाद में सभापति या अध्यक्ष के आदेश से रिकॉर्ड या कार्यवाही से बाहर निकाल दिया जाता है.

असंसदीय अभिव्यक्ति के संकलन में छत्तीसगढ़ विधानसभा में कार्यवाही से हटाए गए कुछ शब्द या वाक्यों को भी रखा गया है, जिनमें बॉब कट हेयर, गरियाना, अंट-शंट, उच्चके, उल्टा चोर कोतवाल को डांटे आदि शामिल हैं. इसमें राजस्थान विधानसभा में असंसदीय घोषित कुछ शब्दों को भी रखा गया है जिसमें कांव-कांव करना, तलवे चाटना, तड़ीपार, तुर्रम खां तथा झारखंड विधानसभा में अससंदीय घोषित कई घाट का पानी पीना, ठेंगा दिखाना आदि शामिल है.


Suggested News