DESK : राजस्थान के दौसा जिले में बीती रात एक बड़ा रेल हादसा होते होते रह गया। यहां गांव के एक ग्रामीण की समझदारी ने एक साथ तीन यात्री ट्रेनों को हादसे का शिकार होने से बचा लिया। बताया गया कि चोरों ने यहां लगभग पांच सौ मीटर तक रेलवे ट्रेक से पटरियों को आपस में जोड़ने वाली क्लिपें निकाल ली थी। लेकिन समय रहते ग्रामीण ने चोरों को ऐसा करते देख लिया। जिसके बाद उसने तत्काल पुलिस और रेलवे के अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। जानकारी मिलते ही रेलवे के अधिकारी हरकत में आ गए। इस घटना के कारण दोनो ओर से ट्रेक को घंटों तक बंद रखा गया इस कारण सवारी गाडि़यां काफी लेट हो गईं।
चोरों ने खुद को बताया रेलकर्मी
पूरा घटनाक्रम दौसा जिले के कोलवा थाना इलाके में स्थित कालोता गांव का है। बताया गया कि गांव के पूर्व सरपंच बसराम मीणा रात को खेत पर बने कमरे पर सो रहा था। इसी दौरान पास से गुजरने वाले ट्रेक से कुछ आवाजें आई। बसराम ने खेत से ही पूछा तो आवाजें आई कि रेलवे वाले हैं पटरी सही कर रहे हैं। बसराम को कुछ शक हुआ तो वे अकेले ही वहां पहुंचे और पूछने लगे कि इमरजेंसी लाइटें कहां हैं, अधंरे में ही पटरी कैसे सही करोगे।
जब पूर्व सरपंच ने सख्ती दिखानी शुरू की तो वहां मौजूद तीन चोरों ने उनको धक्का दिया और वहां से भाग छूटे। बाद में बसराम ने अपने परिवार को बुलाया। पुलिस बुलाई, भाकरी स्टेशन पर सूचना देकर रेलवे अफसरों को बुलाया। पता चला कि करीब पांच सौ मीटर से भी ज्यादा ट्रेक की क्लिपें उखाड ली गई हैं और इनको तीन बोरों में भरा गया है। लेकिन वजन ज्यादा होने के कारण चोर बोरे को नहीं ले जा सके।
गरीब रथ, अजमेर एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों का है रूट
बाद में दोनों ओर से रेलवे ट्रेक को बंद किया गया। काफी मशक्कत के बाद क्लिपें वापस जोंडी गईं। रेलवे अफसरों ने बताया कि रेलवे की यह बड़ी लाइन है। रात में यहां से चंडीगढ़, हरिद्वार समेत अन्य कई सवारी गाडि़यां जाने वाली थीं। रेलवे अफसरों ने बताया कि इस ट्रेक से गरीब रथ, अजमेर एक्सप्रेस, अहमदाबाद एक्सप्रे , पूजा एक्सप्रेस, दो से तीन लोकल शटल समेत एक दर्जन से भी ज्यादा सवारी गाडि़यां गुजरती हैं। अगर ट्रेक के बारे में पता नहीं होता तो बेहद बड़ा हादसा हो सकता था।