बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

यह है बिहार के विकास की असली सच्चाई : पेंशनधारियों के लिए बिजली नहीं होने का बहाना, उसी ऑफिस में बीडीओ के चैंबर में खाली कुर्सियां खा रही हैं हवा

यह है बिहार के विकास की असली सच्चाई : पेंशनधारियों के लिए बिजली नहीं होने का बहाना, उसी ऑफिस में बीडीओ के चैंबर में खाली कुर्सियां खा रही हैं हवा

AURANGABAD : मामला है औरंगाबाद जिला के बारुण प्रखंड कार्यालय की जहाँ करोड़ो रूपये खर्च से बिहार सरकार के द्वारा ब्लॉक का नई भवन निर्माण कराया गया जहाँ प्रखंड के सभी अधिकारी का चेम्बर बनाया गया है यहां जनता के कार्य करने हेतु काउंटर भी बनाया गया है। काउंटर पर कर्मचारी भी उपलब्ध है  लेकिन जनता का कार्य नही होता हैं। सैकड़ों की संख्या में प्रतिदिन वृद्ध ग्रामीण अपनी पेंशन योजना का दस्तावेज लेकर यहां पहुंचते है लेकिन उन्हें खाली हाथ लैटना पड़ता है। क्योंकि कर्मचारी उन्हें बिजली नही होने के हवाला दे कर लौटा देता है। जिसके बात यहीं पर बिहार सरकार की विकास के दावे घुटने टेक देता है। 

जब इस मामले को लेकर पत्रकारों का एक टीम उसकी पड़ताल में जब वहां पहुंची तो वहां का नजारा ही कुछ और दिखा। जहां जनता का कार्य होना था वहाँ बिजली गुल थी,  जब पत्रकार की टीम इसकी जानकारी लेने हेतु बीडीओ साहब के चेम्बर में पहुंची तो वहां की नजारा ही कुछ और था। बीडीओ साहब अपने चेम्बर से नदारद थे। दर्जनों की संख्या में खाली कुर्सियां पड़ी थी। बिजली के बल्ब भी जल रही थे और पंखे भी चल रहे थे लेकिन जनता का जहा कार्य करने हेतु काउंटर बनाया गया था बस वहां बिजली नदारद थी इसी से विकास की अंदाजा लगया जा सकता है कि जिसके पैसे से जिसके कार्य के लिये यह करोड़ो रुपये खर्च कर भवन का निर्माण कराया गया। आज वही एक गुलाम की नजर से देखा जा रहा है और जिसे उनकी कार्य करने हेतु नियुक्ति की गई है वह भोग विलासिता में मस्त है।

जब इस बिन्दु पर प्रखंड विकास पदाधिकारी से बात किया गया तो उन्हों ने बताया कि अभी नई भवन का निर्माण हुआ है। थोड़ी कमियां है जिसको कुछ समय मे ठीक कर लिया जायेगा लेकिन जब यह पूछा गया साहब आपकी ऑफिस  तथा कार्यालय में तो खाली पड़ी कुर्सियां भी हवा खा रही है और सभी जगह लाइट भी जल रहा है। लेकिन जहां जनता का कार्य होना है बस वहाँ कोई व्यवस्था नहीं है तो उन्होंने बताया कि यहाँ जो बिजली और पंखे चल रहे है वह सब इनवर्टर से चल रहा है। 

अब आप अन्दाजा लगा सकते है। कि आम जनता की कार्य का इन्हें कोई चिंता नही है लेकिन उन्हें अपनी ऐसो आराम की चिन्तन जरूर है। जहां इस तरह की अधिकारी हो वहाँ विकाश की क्या उमीद रखी जा सकती है जब इस बिन्दी पर ग्रामीणों से बात किया गया तो उन्हों ने अपनी कस्ट को बयां करते हुऐ बिहार सरकार से इसकी उचित जाँच कर करवाई की मांग किया है।

डीएन मौआर की रिपोर्ट


Suggested News