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यह है सारण के जेलों की सुरक्षा व्यवस्था : पहले कैदी कारागार में मोबाइल इस्तेमाल करते नजर आए, अब बाल गृह से 20 बच्चे हो गए फरार

यह है सारण के जेलों की सुरक्षा व्यवस्था : पहले कैदी कारागार में मोबाइल इस्तेमाल करते नजर आए, अब बाल गृह से 20 बच्चे हो गए फरार

SARAN : लगभग एक माह छपरा के मंडल कारा में अपनी सजा भुगत रहे कैदियों को मोबाइल पर बात करते हुए वीडियो वायरल हुआ था। जिसके बाद जिला प्रशासन की काफी आलोचना हुई थी कि पुलिस उन्हें संभाल नहीं पा रही है। यह तो बात जेल की हुई। यहा के बाल सुधार गृह में मौजूद बच्चों की सुरक्षा के भी ठीक से नहीं की जा रही है। बीते रविवार को छपरा के प्रभुनाथ नगर स्थित बाल गृह से शनिवार की रात करीब 20 बच्चे भाग निकले। बच्चों के भागने की सूचना मिलते  ही बाल संरक्षण इकाई से जुड़े पदाधिकारी सक्रिय हुए और शहर के विभिन्न चौक- चौराहों, बस स्टैंड व स्टेशन पर बच्चों की खोजबीन शुरू की गई। इसके बाद 14 बच्चे  बालगृह वापस लौट आए। 06 बच्चे अभी बालगृह नहीं लौटे हैं।

ट्रेन से उतारे गए बच्चे

शहर के मुफस्सिल थाना क्षेत्र स्थित प्रभुनाथ नगर बाल गृह से भागे बच्चों की सूचना पर छपरा जंक्शन के प्लेटफॉर्म ड्यूटी में तैनात आरपीएफ के जवान संजय कुमार ने गाड़ी संख्या 05204 लखनऊ-बरौनी एक्सप्रेस को चेक किया। वापस लौटे आठ बच्चों में से चार को ट्रेन के शौचालय में बैठने के दौरान पकड़ा गया।   सत्यापन के बाद रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट छपरा जंक्शन के सहायक उपनिरीक्षक हरीश चंद्र मिश्र द्वारा चारों बच्चों को सीएचडी छपरा के कर्मी अमित कुमार व प्रकाश कुमार को ठीक ठीक हालत में सुपुर्द किया गया।

आठ बच्चों के लिए परिवार से कर रहे हैं संपर्क

बाल संरक्षण इकाई से जुड़े पदाधिकारी बच्चों के अभिभावकों से भी संपर्क बनाए हुए हैं और उनकी वापसी के लिये लगातार स्थानीय थाने से भी जानकारी ले रहे हैं। शेष सभी बच्चों के जल्द ही वापस आने की भी बात कही जा रही है। वहीं बालगृह की सुरक्षा में लापरवाही बरतने वाले कर्मियों के खिलाफ भी जांच शुरू कर दी गई है। दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही जा रही है।

चार माह में दूसरी बार हुई घटना

छपरा के बाल सुधार गृह बच्चों को लेकर कितनी लापरवाही बरती जाती है। इसका एक उदाहरण इस साल अप्रैल माह में देखने को मिला था, जब यहां के 37 बच्चे एक साथ कोरोना से ग्रसित पाए गए, इन बच्चों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन वहां से आधे से ज्यादा बच्चे सुधार गृह के अधिकारियों और अस्पताल के स्टाफ को चकमा देकर भाग गए थे। बाद में उनकी तलाश में भाग दौड़ करनी पड़ी। मालूम हो किइससे पहले भी कुछ बच्चे ग्रिल तोड़कर भागे थे, जो बाद में वापस आ गए।


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