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बिना कोई डिग्री के फर्राटेदार अंग्रेजी बोलता है यह कुली, अन्य कुलियों को भी करते हैं मदद, प्लेटफॉर्म पर पढ़ते रहते हैं अंग्रेजी मैगजीन 

बिना कोई डिग्री के फर्राटेदार अंग्रेजी बोलता है यह कुली, अन्य कुलियों को भी करते हैं मदद, प्लेटफॉर्म पर पढ़ते रहते हैं अंग्रेजी मैगजीन 

गया. जंक्शन पर पिछले 40 वर्षों से शिव कुमार गुप्ता कुली का काम करते आ रहे हैं. इस दौरान कई देशों के विदेशी मेहमानों का सामान भी ढोया है. कहते हैं उम्र किसी की मोहताज नही होती है, जब ललक कुछ करने और सीखने की हो और हौसला बुलंद हो तो इंसान हर चीज को हासिल कर सकता है. वैसा ही कुछ कर दिखाया है यह 70 वर्षीय कुली शिव कुमार गुप्ता. इन्हें कुली के कार्य मे किसी प्रकार की परेशानी नहीं होती है.

गया जक्शन पर जब कोई विदेशी पर्यटक आते हैं तो उनसे यह आराम से बात करते हैं. अपना किराया लेते हैं. वहीं अन्य कुलियों को परेशानी होती है तो अन्य कुली भी शिव कुमार गुप्ता का सहयोग लेते हैं. इनके पास न तो कोई डिग्री है और न ही कहीं से इंग्लिश का स्पीकिंग कोर्स किया है. ट्रेन के आते ही ये अपने काम में लग जाते हैं. वहीं खाली समय में अंग्रेजी अखबार या अंग्रजी मैगजीन पढ़ते रहते हैं. इसे देख स्टेशन पर आए यात्री भी अचंभित हो जाते हैं कि एक बृद्ध कुली अंग्रेजी अखबार या मैगजीन पढ़ रहा है. लोगों से अंग्रेजी में बातचीत करते हैं. कहें तो उम्र धीरे धीरे बढ़ती जा रही है, लेकिन बढ़ती बुढापे के साथ-साथ यह और भी दृढ़ होते जा रहे हैं.

वहीं शिव कुमार गुप्ता बताते है कि पहले स्कूल में प्रारंभिक शिक्षा ली. उसके बाद कुली का काम करने जक्शन पर आ गए. कहा कि कोई भी काम छोटा नहीं होता है. इस दौरान उन्हें नशे की बुरी लत भी लगी, तभी किसी बुजुर्ग महिला से मुलाकात स्टेशन पर हुई, तो उन्होंने  कहा था कि यह व्यवहार को बदलो उसके बाद से वह छोटे-छोटे बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया. कई दोस्त अपने अच्छे मुकाम पर है. फिर अंग्रेजी बोलने की ललक बढ़ी और धीरे-धीरे खुद सीखा. वहीं विदेशी यात्रियों से बातचीत करते-करते आज वे फर्राटेदार अंग्रेजी बोल रहे हैं.

वहीं शिव कुमार गुप्ता के साथ रहे अन्य कुली भी इसे अचंभित है. जब उन्हें विदेशी यात्रियों से मुलाकात होती है और वे अंग्रेजी बोलते हैं, तो समझ में कुछ नहीं आता है. वैसे में शिव कुमार गुप्ता का सहयोग लेकर यात्रियों का सामान पहुंचाने से लेकर किराया तय करते हैं.

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