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RBI के इस आदेश से मचा हड़कंप, बैंकों से अपना पैसा निकालने पहुंचे लोग

RBI के इस आदेश से मचा हड़कंप, बैंकों से अपना पैसा निकालने पहुंचे लोग

NEWS4NATION DESK : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की तरफ से एनपीआर को लेकर दिए गए एक ताजा आदेश से हड़कंप मच गया और लोग आनन-फानन में बैंक से अपने रुपए निकालने के लिए दौड़ पड़े। एक बैंक अधिकारी के अनुसार महज तीन दिनों के अंदर उसके बैंक से 1 करोड़ से ज्यादा की राशि की निकासी हुई। 

दरअसल आरबीआई ने हाल ही में एक फैसला लिया कि बैंक में खाता खोलने के लिए केवाईसी वैरिफिकेशन के तहत एनपीआर लैटर को एक वैध दस्तावेज के तौर पर शामिल किया जाए। तमिलनाडु के थुथुकुडी इलाके के पास के कायलपट्टिनम गांव स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की स्थानीय ब्रांच ने आरबीआई के इस फैसले का पालन करते हुए एक विज्ञापन निकाला, जिसमें बताया गया कि खाता खोलते समय केवाईसी वैरिफिकेशन के लिए एनपीआर लैटर को भी एक वैध दस्तावेज के रूप में स्वीकार किया जाएगा। 

मुस्लिम समुदाय में मचा हड़कंप

बताया जा रहा है कि इस विज्ञापन के जारी होने के तुरंत बाद गांव में हड़कंप मच गया और सैकड़ों की संख्या में लोग बैंक की शाखा पहुंचकर अपने रुपए निकालने लगे। रुपए निकालने वालों में बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल थे। पैसा निकाल रहे लोगों का कहना था कि हमें नोटबंदी के उस दौर का अनुभव है, जिसमें हमें अपने ही पैसे निकालने के लिए कई दिनों तक बैंकों के बाहर लाइन में लगने को मजबूर होना पड़ा था।

तीन दिनों के अंदर एक ब्रांच से हुई एक करोड़ रुपए से ज्यादा कैश निकासी

बैंक के एक अधिकारी ने इस मामले को लेकर बताया कि शुक्रवार से सोमवार शाम तक ग्राहकों ने बैंक से एक करोड़ रुपए से भी ज्यादा की निकासी की है। इसके बाद मंगलवार को उस वक्त हालात सामान्य हो पाए, जब समुदाय के नेताओं ने लोगों के बीच जाकर उन्हें समझाया।

अधिकारी ने बताया कि इसी तरह की रिपोर्ट्स कई जगहों पर बैंक शाखाओं से आ रही है। पिछले तीन दिनों के भीतर बैंक से बड़ी संख्या में कैश निकाला गया है, इसलिए हमने अपनी शाखा के ग्राहकों को समझाने के लिए कायलपट्टिनम गांव के सामुदायिक नेताओं और जमात कमेटियों से संपर्क किया है। अब हमें यह भी नहीं मालूम कि हम अपनी बैंक शाखा के सभी ग्राहकों को समझाकर वापस ला पाएंगे। 

बैंक के अधिकारी भी लोगों को इस बारे में पुख्ता तौर पर कुछ नहीं बता पा रहे हैं कि ज्यादातर राज्यों में एनपीआर अपडेट होने से पहले ही आरबीआई ने इसे केवाईसी की लिस्ट में शामिल क्यों किया है।
 
 

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