DESK : 55 साल का इंतजार इस बार भी पूरा नहीं हुआ और इंग्लैंड को यूरो कप में हार का सामना करना पड़ा। पहली बार यूरो कप के फाइनल खेलने उतरी इंग्लैंड को अपने देश में खेलने का एडवांटेज था, साथ ही स्टेडियम में मौजूद हजारों दर्शकों का समर्थन मिल रहा था, लेकिन इसके बाद भी इंग्लैंड का बड़ी ट्रॉफी जीतने का सपना अधूरा रह गया और इटली ने उन्हें पेनाल्टी शूट आउट में 3-2 से हराकर यूरोपियन चैंपियनशिप अपने नाम कर लिया।
ऐसी उम्मीद थी फुटबॉल में एक बड़ी ट्रॉफी जीतने का 55 साल का इंतजार इस बार पूरा हो जाएगा। यूरो कप के फाइनल मुकाबले में यह सपना पूरा भी होता हुआ नजर आया, जब मैच के दूसरे मिनट में ल्यूक शॉ ने इटली की सुरक्षा को भेदते हुए शानदार गोल दिया, ऐसा लगा कि यह मैच का निर्णायक गोल होगा लेकिन मैच के दूसरे हाफ में इटली का खेल पूरी तरह से बदल गया और उन्होंने इंग्लैंड पर दनादन हमले किए। जिसका परिणाम भी 67वें मिनट में सामने आया, जब क्वार्नर शॉट को बचाने में इंग्लैंड के गोलकीपर नाकामयाब रहे और लियोनार्डो बोनुची के शानदार शॉट से मुकाबला एक एक की बराबरी पर आ गया। अतिरिक्त समय में मैच में दोनों टीम की तरफ से कोई गोल नहीं हो सका और मैच का फैसला पेनाल्टी शूटआउट तक पहुंच गया।
पेनल्टी शूटआउट में इटली ने इंग्लैंड को 3-2 से हरा दिया. इंग्लैंड लगातार 3 पेनल्टी पर स्कोर नहीं कर पाया जबकि इटली ने 2 पेनल्टी चूकी, लेकिन 3 में स्कोर किया. इसके साथ ही इटली 1968 के बाद फिर से यूरोपियन चैंपियन बन गया है.
इंग्लैंड की टीम पिछले 55 साल से फुटबॉल का कोई बड़ा टूर्नामेंट नहीं जीत सकी थी. ऐसे में आज वो खिताबी जीत का अपना सूखा खत्म करने के इरादे से मैदान पर उतरी थी, लेकिन पेनल्टी शूटआउट में इटली ने शानदार प्रदर्शन करते हुए जीत दर्ज की और इंग्लैंड का खिताब जीतने का सपना एक बार फिर टूट गया.