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इस बार अपनों ने ही जला दिया लंका, राष्ट्रपति भवन पर कब्जा, हालात बेकाबू होता देख पीएम ने दिया इस्तीफा

इस बार अपनों ने ही जला दिया लंका, राष्ट्रपति भवन पर कब्जा, हालात बेकाबू होता देख पीएम ने दिया इस्तीफा

DESK : रामायण में लंका दहन का जिक्र है कि कैसे पवनसुत हनुमान ने पूरी लंका में आग लगा दी थी। लंका एक बार फिर जल रहा है। अंतर इतना है कि इस बार यहां कोई हनुमान नहीं, बल्कि आग लगानेवाले खुद यहां की जनता है। श्रीलंका में पिछले कई भीषण आर्थिक संकट के कारण बीते शनिवार को स्थित पूरी तरह से बिगड़ती चली गई। प्रदर्शनकारियों ने 116 दिन बाद शनिवार को राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे का आवास पर कब्जा कर लिया। हाउस पर कब्जे के बाद कोलंबो से फरार गोटबाया ने 13 जुलाई को इस्तीफा देने का फैसला किया है।

राष्ट्रपति आवास पर कब्जा करने के बाद देर रात प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे का घर को भी घेर लिया, जिसके बाद विक्रमसिंघे ने इस्तीफा देने की घोषणा कर दी। इससे पहले उनके भाई महिंद्रा राजपक्षे मई में प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं। श्रीलंका में राजपक्षे परिवार के खिलाफ इसी साल 15 मार्च को प्रदर्शन शुरू हुआ था।

इससे पहले अपनी स्वतंत्रता के बाद से सबसे खराब आर्थिक और राजनीतिक संकट से गुजर रहे दो करोड़ से अधिक आबादी वाले श्रीलंका के प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने हंगामे के बीच सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। इसमें विपक्षी दलों ने सर्वदलीय सरकार के लिए प्रधानमंत्री के साथ ही राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग की। विक्रमसिंघे ने विपक्ष की मांग मानते हुए इस्तीफे की पेशकश कर दी। उनकी तरफ से कहा गया कि सर्वदलीय सरकार के गठन और संसद में उसके बहुमत साबित करने के बाद वह अपना पद छोड़ देंगे।

राष्ट्रपति भवन पर किया कब्जा

कोलंबो के पाश फोर्ट इलाके में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जमा हुए थे। इसी इलाके में राष्ट्रपति भवन भी है। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस के साथ ही सेना और विशेष सुरक्षा बलों को भी लगाया गया था। लेकिन मार्च से ही गोटाबाया के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी सारे अवरोधों तोड़ते हुए राष्ट्रपति भवन में घुस गए। इस दौरान हुई झड़प में कम से कम 45 लोगों के घायल होने की खबर है, जिनमें कई सुरक्षाकर्मी भी शामिल हैं

खुफिया रिपोर्ट में शनिवार को प्रस्तावित प्रदर्शन के उग्र होने की जानकारी के बाद 73 वर्षीय गोटाबाया शुक्रवार की रात को ही राष्ट्रपति भवन छोड़कर सेना मुख्यालय चले गए थे। उनके काफिले को जाते हुए भी देखा गया था।

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